मऊगंज

मेहनत की मिसाल: मऊगंज के आयुष द्विवेदी ने रचा बोर्ड परीक्षा में इतिहास

आयुष द्विवेदी की कहानी संघर्ष, मेहनत और पारिवारिक मूल्यों की मिसाल है। वे आज लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा हैं और हमें यह सिखाते हैं कि सच्ची मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती

मऊगंज के छोटे से कस्बे से निकलकर आयुष द्विवेदी ने वो कर दिखाया, जो लाखों छात्र सिर्फ सपना देखते हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल द्वारा घोषित 10वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में आयुष ने 500 में से 499 अंक प्राप्त कर प्रदेश भर में दूसरा स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे रीवा संभाग के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है।

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आयुष अमित पब्लिक स्कूल मऊगंज के छात्र हैं और शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। उनकी सफलता के पीछे उनका अथक परिश्रम, आत्मविश्वास और परिवार का संपूर्ण सहयोग है। आयुष के पिता अरुणेंद्र कुमार द्विवेदी एक शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में अतिथि शिक्षक हैं, वहीं उनकी मां पंकज तिवारी भी सरकारी स्कूल में अध्यापन कार्य करती हैं। ऐसे शिक्षित और प्रेरणादायक वातावरण ने आयुष के भीतर ज्ञान के प्रति लगन को और अधिक प्रबल किया।

तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे आयुष की दोनों बहनें भी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। बड़ी बहन आकृति द्विवेदी पीएम श्री शासकीय महाविद्यालय में जूलॉजी विषय की छात्रा हैं, जबकि दूसरी बहन समाजशास्त्र में एम.ए. की पढ़ाई कर रही हैं। घर में शिक्षा का माहौल और माता-पिता की मेहनत ने आयुष को मेहनती, अनुशासित और लक्ष्य केंद्रित बनाया।

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आयुष की प्रारंभिक शिक्षा देवास में हुई थी, जहां उन्होंने शिक्षा की मजबूत नींव रखी। पढ़ाई के साथ-साथ आयुष को क्रिकेट खेलने का भी शौक है, जो उनके व्यक्तित्व को संतुलित और जीवंत बनाए रखता है। वे मानते हैं कि खेल और पढ़ाई का संतुलन ही मानसिक विकास में मदद करता है।

आयुष की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि इच्छाशक्ति प्रबल हो, तो साधन सीमित होने के बावजूद भी कोई भी छात्र उच्च शिखर तक पहुँच सकता है। आयुष की कहानी उन हजारों बच्चों को प्रेरणा देती है जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा सपना देखने का साहस रखते हैं।

आने वाले समय में आयुष डॉक्टर बनने की इच्छा रखते हैं और इसके लिए उन्होंने अभी से मेहनत शुरू कर दी है। उनकी लगन और पारिवारिक सहयोग को देखकर यह विश्वास करना कठिन नहीं कि वे अपने सपनों को जरूर साकार करेंगे।

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