रीवा-सिंगरौली रेलमार्ग पर हुआ इंजन ट्रायल सफल, विंध्य क्षेत्र के विकास को मिलेगी नई रफ्तार
रीवा-सिंगरौली रेलमार्ग पर WDP-4D इंजन का ट्रायल सफल रहा, जल्द ही शुरू होगा नियमित ट्रेन संचालन, क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी को मिलेगा बड़ा बल।

रीवा-सिंगरौली रेलमार्ग पर शनिवार को डीजल इंजन WDP‑4D का सफल ट्रायल किया गया, जो विंध्य क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। यह ट्रायल सिर्फ एक तकनीकी परीक्षण नहीं था, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास की नई इबारत लिखने वाला कदम है। इस ट्रायल के सफल होने से रीवा और सिंगरौली के बीच रेल सेवाओं की शुरुआत का रास्ता साफ हो गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह प्रोजेक्ट विंध्य क्षेत्र के सामाजिक व आर्थिक विकास की दिशा में एक मजबूत आधारशिला साबित हो रहा है। वर्षों से प्रतीक्षित इस मार्ग से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि रोजगार और व्यापार की संभावनाओं को भी बल मिलेगा।
क्या है इस प्रोजेक्ट की खास बातें
कुल लागत: यह रेल प्रोजेक्ट लगभग 1140 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है।
रेल मार्ग की लंबाई: रीवा से सिंगरौली तक कुल लगभग 165 किलोमीटर लंबा है यह रेलमार्ग।
इंजन ट्रायल: WDP-4D डीजल इंजन द्वारा ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
ट्रेन संचालन की शुरुआत: रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जुलाई 2025 से इस मार्ग पर नियमित यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू होने की संभावना है।
क्या होगा फायदा
रीवा, सिंगरौली और आसपास के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
यात्रियों को बसों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
कोयला परिवहन और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी।
इस रेल प्रोजेक्ट से न केवल रीवा और सिंगरौली को फायदा होगा, बल्कि यह पूरे विंध्य क्षेत्र की आर्थिक धारा को नई दिशा देगा।