मध्यप्रदेश

हर युवा बनेगा उद्यमी: मध्यप्रदेश सरकार देगी प्रति लेबर ₹5000 से अधिक मदद

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उद्योग और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रति लेबर ₹5000 की सहायता और दुग्ध उत्पादकों को सीधी सब्सिडी देने की घोषणा की है

भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेशवासियों के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार अब केवल कारखानों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि छोटे उद्योगों और स्वरोजगार को भी मजबूती से बढ़ावा देगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में उद्योग-धंधों को गति देने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जहां प्रदेश की जनसंख्या करीब 9 करोड़ है, वहीं सरकारी नौकरियों की संख्या लगभग 10 लाख है। ऐसे में सरकार चाहती है कि लोग अपने-अपने छोटे व्यवसाय शुरू करें और स्वरोजगार को अपनाएं।

मुख्यमंत्री ने एलान किया कि जो उद्योग मध्यप्रदेश में रोजगार देंगे, उन्हें प्रति कर्मचारी 5000 रुपये से अधिक की सहायता दी जाएगी। अब केवल बड़े उद्योग ही नहीं, बल्कि छोटे व्यापारियों और स्वरोजगार करने वालों को भी बिजली, रजिस्ट्री और टैक्स में रियायतें दी जाएंगी।

पशुपालन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा

मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि प्रदेश दूध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है और इसे और मजबूत करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अब अच्छी तरह से संचालित गौशालाओं में हर गाय के लिए 20 रुपये की बजाय 40 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे। पशुपालकों से दूध सीधे सरकार खरीदेगी और किसी बिचौलिये की आवश्यकता नहीं होगी।

इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति 25 गाय या भैंस खरीदता है तो उसे 25% सीधी सरकारी सब्सिडी मिलेगी। साथ ही, आठ यूनिट तक यानी 200 पशुओं तक की खरीद पर भी यह लाभ मिलेगा। इस पहल को डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत लागू किया गया है, जिसके लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।

सरकार की यह योजनाएं न केवल ग्रामीण और शहरी युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करेंगी, बल्कि पशुपालन और दुग्ध उत्पादन से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी नई दिशा देंगी।

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