सरकारी कर्मचारियों के लिए छुट्टी नियमों में बड़ा बदलाव: अब हर भ्रम होगा दूर
केंद्र सरकार ने छुट्टियों के नियमों को लेकर नई गाइड जारी की है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी लेने की प्रक्रिया और अधिकारों की पूरी जानकारी मिलेगी।

सरकारी नौकरी करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार ने छुट्टियों से जुड़ी सभी जटिलताओं को दूर करने के लिए एक आसान और स्पष्ट गाइड जारी की है। अब कर्मचारियों को यह जानने में कोई उलझन नहीं रहेगी कि किस तरह की छुट्टी कब, कैसे और कितनी मिल सकती है। यह कदम कर्मचारियों को अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा।
अब छुट्टियों की योजना बनाना होगा आसान
अक्सर देखा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को यह तय करने में परेशानी होती है कि कौन सी छुट्टी कब ली जा सकती है। अर्जित अवकाश, आकस्मिक छुट्टी, चिकित्सा अवकाश या अध्ययन अवकाश—इन सबके नियम अलग-अलग हैं और इनकी सही जानकारी न होने पर नुकसान उठाना पड़ता है। अब सरकार ने इन सभी नियमों को सरल शब्दों में समझाकर FAQs (Frequently Asked Questions) के रूप में प्रस्तुत किया है, ताकि किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति न रहे।
5 साल से ज्यादा छुट्टी? नौकरी पर बन सकता है खतरा
सरकारी नियमों के मुताबिक कोई भी कर्मचारी बिना वैध कारण लगातार 5 साल से अधिक छुट्टी पर नहीं रह सकता। अगर ऐसा होता है, तो इसे स्वेच्छिक इस्तीफा मान लिया जाता है। यानी बिना बताए लंबी छुट्टी लेने पर नौकरी भी जा सकती है। हां, अगर किसी वैध कारण से लंबी छुट्टी चाहिए, तो उसके लिए अनुमति लेने और स्पष्ट कारण बताने का मौका भी दिया जाता है।
लीव इनकैशमेंट: छुट्टियों के बदले मिलेगा पैसा
जो छुट्टियाँ ली नहीं जातीं, उन्हें नकदी में बदलने का विकल्प भी मौजूद है जिसे लीव इनकैशमेंट कहा जाता है। इसके लिए तय प्रक्रिया और अनुमति जरूरी है। एलटीसी (अवकाश यात्रा रियायत) के साथ ली गई छुट्टियों में नकदीकरण ज़्यादा लाभदायक माना जाता है। यह सुविधा कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को मज़बूती देती है और सेवानिवृत्ति के समय भी उपलब्ध होती है।
महिला कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधा
महिलाओं के लिए चाइल्ड केयर लीव (बच्चों की देखभाल की छुट्टी) एक अहम सुविधा है। यह छुट्टी 18 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल के लिए दो वर्षों तक दी जा सकती है। पहले साल में पूरा वेतन और दूसरे साल में 80% वेतन मिलता है। विदेश में पढ़ने वाले बच्चों की देखभाल के लिए भी, कुछ विशेष प्रक्रिया के तहत यह छुट्टी ली जा सकती है।
अध्ययन और पितृत्व अवकाश भी शामिल
सरकारी कर्मचारी अगर किसी कोर्स या प्रशिक्षण के लिए पढ़ाई करना चाहते हैं, तो उन्हें अध्ययन अवकाश (Study Leave) की सुविधा मिलती है। इसके दौरान आमतौर पर पूरा वेतन भी दिया जाता है।
वहीं, पुरुष कर्मचारियों को भी पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने का मौका देने के लिए पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) की व्यवस्था की गई है। यह 15 दिनों की होती है और बच्चे के जन्म के पहले या बाद में ली जा सकती है।
नियमों की जानकारी है ज़रूरी
सरकार की यह पहल कर्मचारियों के लिए बेहद लाभकारी है। अगर सभी कर्मचारी छुट्टी नियमों को सही तरीके से समझें और उनका पालन करें, तो कामकाज में भी सुचारूता बनी रहती है और व्यक्तिगत नुकसान से भी बचा जा सकता है।