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Global Investors Summit 24-25: MP को GIS में 2,305 करोड़ रुपए के 19 MoU मिले, ये बड़ी कंपनियां करेंगी निवेश

Global Investors Summit 24-25: पहली बार सहकारी क्षेत्र को वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में शामिल किया गया। इस दौरान 2,305 करोड़ रुपये के 19 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये। रिलायंस और वैद्यनाथ जैसी प्रमुख कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश करेंगी। मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने कहा है कि व्यापार में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डेयरी क्षेत्र, पर्यटन और एमएसएमई सहित प्रत्येक क्षेत्र में सहयोग का अलग-अलग महत्व है। सहयोग के बिना कुछ भी संभव नहीं है।

जीआईएस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री श्री यादव ने राज्य सरकार की ओर से आश्वस्त किया कि निवेशक जिस भी क्षेत्र में काम करना चाहें, मध्यप्रदेश सरकार उन्हें पूरा सहयोग करेगी। प्रधानमंत्री श्री यादव की उपस्थिति में 19 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होना एक क्रांतिकारी पहल है। यह सहयोग और अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने में उपयोगी होगा।

2,305 करोड़ रुपये के 19 MoU

सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सहकारी सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल की घोषणा की और सहकारी क्षेत्र में सीपीपीपी के तहत कुल 2,305 करोड़ रुपये की राशि के 19 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मध्य प्रदेश सीपीपीपी मॉडल देश की सहकारिता व्यवस्था को बदलने का काम करेगा। सहयोग के बिना रोजमर्रा की जिंदगी जीना संभव नहीं है। सहकारी क्षेत्र में बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र का नेटवर्क बहुत बड़ा है। सहयोग सभी लोगों तक पहुंचने का एक अच्छा तरीका है।

सहकारिता विभाग में निवेश विंग के गठन की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए यदि सहकारिता को केन्द्र बनाया जाए तो वह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केवल सहयोग से ही समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। मंत्री श्री सारंग ने सहकारिता विभाग में निवेश विंग की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि निवेश क्षेत्र दिन-प्रतिदिन के आधार पर काम करेगा। वह स्वयं इसकी निगरानी करेंगे। उन्होंने शामिल होने वाले निवेशकों को धन्यवाद दिया तथा नए निवेशकों से शामिल होने तथा देश एवं राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देने का आग्रह किया।

सहकारिता क्षेत्र में पैक्स कम्प्यूटरीकरण का कार्य किया जा रहा है

केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ ने कहा कि सहकारिता हमारी संस्कृति है। प्राचीन काल से ही सहकारिता का अपना महत्व रहा है। उन्होंने कहा कि देश भर में एक लाख पीएसी हैं और 30 करोड़ लोग सहकारिता से जुड़े हुए हैं। इस अमृतकाल में यही वह क्षेत्र है जो बहुत प्रगति कर सकता है। पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य सहयोग से किया जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है, यकीन मानिए, अगले दो वर्षों में समृद्धि के नए कीर्तिमान बनेंगे। मध्य प्रदेश के नए सीपीपीपी मॉडल को भारत सरकार के पूर्ण सहयोग से आगे बढ़ाया जाएगा।

पहली बार सहकारिता क्षेत्र को जीआईएस में जोड़ा गया

अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने कहा कि पहली बार सहकारिता क्षेत्र को जीआईएस में शामिल किया गया है। सभी क्षेत्रों में सहकारी समितियां हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 1 करोड़ 9 लाख सदस्य हैं तथा 16 हजार आउटलेट्स का नेटवर्क है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि मध्य प्रदेश में पैक्स सभी जरूरतों को पूरा करेगी। इससे किसानों को भी लाभ होगा। मध्य प्रदेश में सहकारी क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के अंतर्गत कुल 2,305 करोड़ रुपये के 19 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये गये हैं।

  1. रिलायंस ने 1,000 करोड़ रुपये निवेश किया है।
  2. वैद्यनाथ समूह से भी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ।
  3. मैजेस्टिक बासमती राइस प्राइवेट लिमिटेड, रायसेन के लिए 1,000 करोड़ रुपये की राशि।
  4. आरएम ग्रुप द्वारा 100 करोड़ रुपये की राशि।
  5. मशरूम वर्ल्ड भोपाल के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि।
  6. वी विन लिमिटेड भोपाल से राशि 40 करोड़।
  7. न्यूट्रलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति नोएडा यूपी द्वारा धनराशि 30 करोड़ रुपये।
  8. एग्रीविस्टा एआई प्राइवेट लिमिटेड द्वारा राशि 25 करोड़ रुपये।
  9. सविर बायोटेक लिमिटेड, नोएडा यूपी से राशि 10 करोड़ रुपये।

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