मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को लगा झटका,ऐसा करने पर अब नहीं मिलेगा वेतनमान,पढ़िए पूरी खबर! MP News
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अहम फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि पदोन्नति से इनकार करने वाले कर्मचारियों को क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिलेगा।

MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है, जो उनके करियर पर बड़ा असर डाल सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अगर कोई कर्मचारी पदोन्नति (Promotion) लेने से इनकार करता है, तो उसे भविष्य में किसी भी तरह की क्रमोन्नति (Upgradation) या समयमान वेतनमान (Time-Bound Pay Scale) का लाभ नहीं मिलेगा।
क्या होगा पदोन्नति से इनकार करने पर?
यदि कोई कर्मचारी अपनी पदोन्नति लेने से मना करता है, तो उसे भविष्य में किसी भी प्रकार की वेतन वृद्धि या उच्च पद का लाभ नहीं दिया जाएगा। यह आदेश राज्य सरकार के पक्ष में आया है, जिसने कोर्ट में दलील दी थी कि ऐसे कर्मचारियों को किसी भी तरह की प्रमोशन संबंधी सुविधा नहीं मिलनी चाहिए।
पहले का फैसला और नया विवाद
इससे पहले, इंदौर खंडपीठ में एक मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठा था कि क्या प्रमोशन ठुकराने वाले कर्मचारियों को वेतनमान और क्रमोन्नति का लाभ मिलना चाहिए? पहले के फैसले में कहा गया था कि यदि कोई कर्मचारी प्रमोशन लेने से इनकार करता है, तो भी उसकी क्रमोन्नति वापस नहीं ली जा सकती। लेकिन इस नए फैसले ने पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि प्रमोशन से इनकार करने वाले कर्मचारी को किसी भी तरह की वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी।
हाई कोर्ट का तर्क
राज्य सरकार ने कोर्ट में यह दलील दी कि यदि कोई कर्मचारी स्वेच्छा से पदोन्नति से इनकार करता है, तो वह भविष्य में किसी भी प्रकार की प्रमोशन या वेतनमान का हकदार नहीं होगा। हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए अपना फैसला सुनाया।
वकीलों की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर कुछ अधिवक्ताओं ने पुनर्विचार की मांग की है। वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद अग्रवाल का कहना है कि पदोन्नति और समयमान वेतनमान दो अलग-अलग चीजें हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि प्रमोशन और वेतनमान में फर्क होता है। अब देखना होगा कि क्या इस फैसले के खिलाफ आगे कोई अपील दायर की जाती है या नहीं।
सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला
इस फैसले के बाद सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति से इनकार करने से पहले गंभीरता से सोचना होगा। अगर वे पदोन्नति लेने से मना करते हैं, तो भविष्य में वेतनमान और प्रमोशन का कोई लाभ नहीं मिलेगा। यह फैसला सरकारी नीतियों को और सख्त बना सकता है और कर्मचारियों को अपने करियर के फैसलों में अधिक सतर्क रहने के लिए प्रेरित कर सकता है।