म्यूचुअल फंड के नाम पर ICICI खाताधारक से 35 लाख की धोखाधड़ी

Mutual Fund : ग्वालियर से ICICI म्यूचुअल फंड के नाम पर 28 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक युवक को ICICI म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए फर्जी मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड कराया गया। और उन्होंने डमी ट्रेडिंग से कुछ मुनाफा भी कमाया, तो लगा कि यह पूरी तरह से वास्तविक है। उसके बाद मोटी रकम कमाने का लालच देकर जालसाजों ने खुद के बनाए ऐप के जरिए आईपीओ में पैसा निवेश करवाया। जब युवक ने मुनाफा कमाने के बाद शेयर बेचे तो 28 लाख रुपये की जगह 35 लाख रुपये की स्टेटमेंट दिखाई गई, जिसे वह नहीं निकाल सका। जब उससे बदले में 15 प्रतिशत टैक्स देने को कहा गया तो उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है। जिसकी शिकायत उसने क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई।
आखिरकार क्या है पूरा मामला?
दीनदयाल नगर के जितेंद्र कुमार तिवारी का खाता ICICI बैंक में है। जिसके पास कुछ महीने पहले व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिला, जिस पर क्ल्च्क करते ही वह ICICI Securities NSE, BSE 302 नाम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ गए। इसके बाद ग्रुप में शेयर बाजार के बारे में संदेश और भविष्यवाणियां आने लगीं। जिसमें एक लिंक आया और उस पर क्लिक करते ही मोबाइल में आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड ऐप डाउनलोड हो गया। उन्होंने ऐप के जरिए शेयर खरीदे, फिर उन्हें बेचकर मुनाफा कमाया और उससे जुड़े बैंक खाते में पैसे भी ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद आईपीओ में पैसा लगाने के मैसेज मिलने लगते हैं। उन्होंने इसमें पैसा लगाने की रुचि जताई तो एक कॉल आया, जिसने खुद को म्यूचुअल फंड का कर्मचारी बताया और कहा पूरी राशि बैंक खाते में भेजी जानी चाहिए। इस तरह जितेंद्र कुमार तिवारी ने बताए गए बैंक खाते में करीब 28 लाख रुपये जमा कर दिये।
पीड़ित ने पुलिस के पास दर्ज कराइ शिकायत
जितेंद्र का कहना है की उनके ऐप में ये रकम रोजाना बढ़ती जा रही थी। ऐप पर यह 28 लाख रुपये की जगह करीब 35 लाख रुपये में दिखने लगा है। इसके बाद उन्होंने ऐप के जरिए शेयर बेचे। जब उन्हें ऐप में स्टेटमेंट में ये पैसे दिखने लगे तो उन्होंने एग्जिट लोड लगाकर पैसे निकालने की कोशिश की, लेकिन नहीं निकले। जब मैंने हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया तो मुझे 15 फीसदी टैक्स जमा करने के लिए कहा गया। उसके बाद वह ICICI बैंक गए तो पता चला कि बैंक में म्यूचुअल फंड के पास ऐसा कोई आवेदन नहीं था। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मिलकर शिकायत की।