चार घंटे में बिजली सुधर नहीं हुई तो उपभोक्ताओं को मिलेगा अब हर्जाना
मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को शिकायत के बाद तय समय के अंदर बिजली आपूर्ति सामान्य नहीं होने पर अब हर्जाना मिलेगा। शहरी क्षेत्र में चार घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे के अंदर सुधार किया जाये। इसी तरह बिल वितरण में देरी, मीटर या ट्रांसफार्मर की खराबी की शिकायतों का समय पर समाधान नहीं होने पर उपभोक्ता मुआवजे का दावा कर सकते हैं। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने मुआवजा नियम लागू कर दिए हैं।
नियम तत्काल प्रभाव से लागू
- इंदौर की बिजली कंपनी ने पहला बेंचमार्क विकसित कर लिया है। साथ ही इसे तुरंत लागू भी कर दिया जाता है।
- बिल संशोधन से संबंधित शिकायतों का निस्तारण उसी दिन किया जाएगा।
- यदि अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता है, तो बिल को पांच दिनों के भीतर संशोधित किया जाना चाहिए।
- इसी तरह नए कनेक्शन, चरण परिवर्तन से लेकर हर चीज के लिए समय और मुआवजा नियम लागू किए गए हैं।
- अगर ग्राहक को देय तिथि से कम से कम 10 दिन पहले बिल नहीं मिलता है, तब भी मुआवजे का दावा किया जा सकता है।
- ग्राहक सेवा में देरी के लिए मुआवजे की राशि का दावा कर सकते हैं।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग समय सीमा लागू की गई है।
वेबसाइट पर कर सकते हैं मुआवजे का दावा
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी मित तोमर ने बताया की सेवा में देरी के मामले में, ग्राहक एप्लिकेशन वेबसाइट पर मुआवजे का दावा कर सकते हैं। यह देखा जाएगा कि सुधार में देरी के लिए तूफान जैसी प्राकृतिक परिस्थितियां जिम्मेदार नहीं हैं। केवल वही ग्राहक क्लेम के पात्र होंगे जो लगातार छह महीने से बिना किसी देरी के अपने बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं। कंपनी ने नई भर्ती के लिए सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है।