2025-26 में रेलवे के लिए 2,65,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान, MP को मिला 14,745 करोड़ रुपये!

अब मध्य प्रदेश में रेल परियोजनाओं का खूब विस्तार होगा। साथ ही यात्री सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। दरअसल, रेलवे ने 2025-26 के लिए बजट आवंटित किया है। इस वित्तीय वर्ष में मध्य प्रदेश में धन की वर्षा हुई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मध्य प्रदेश को 14,745 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। आपको बता दें कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब रेलवे के विकास के लिए राज्य को इतनी बड़ी धनराशि दी गई है।

मध्य प्रदेश में रेलवे ने 10 वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति की है

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रेल सेवाओं के लिए प्राप्त बजट पर प्रसन्नता व्यक्त की। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए पीएम मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया। सिम ने लिखा, ‘पिछले 10 वर्षों में मध्य प्रदेश में रेलवे ने अभूतपूर्व प्रगति की है, जिससे ‘विकसित भारत के लिए विकसित मध्य प्रदेश’ का संकल्प मजबूत हुआ है। इस वर्ष के बजट में मध्य प्रदेश के लिए भी सौगात है, जो निश्चित रूप से यहां रेलवे अधोसंरचना, यात्री सुविधाओं, रेलवे परिचालन और तकनीकी विस्तार में नए मानक स्थापित करेगा।

आजादी के बाद पहली बार इतनी बड़ी राशि प्राप्त हुई

सीएम डॉ. मोहन यादव ने आगे लिखा, ‘आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आम बजट 2025-26 में विभिन्न विकास कार्यों के लिए सबसे अधिक 14,745 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।’ प्रदेश। प्रदेश राज्य। “मैं प्रधानमंत्री जी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।”

2025-26 में रेलवे के लिए 2,65,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान

आपको बता दें कि 2025-26 में रेलवे के लिए 2,65,000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। इस बजट में से मध्य प्रदेश को 14,745 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। रेलवे सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में रेलवे के निरन्तर विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में 108 अरब रुपए की 31 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। वर्तमान में 5,869 किलोमीटर पर नये ट्रैक का कार्य चल रहा है।

मध्य प्रदेश में रेलवे लाइनों का 100% विद्युतीकरण

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में शत-प्रतिशत रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो चुका है। अमृत ​​रेलवे परियोजना के तहत मध्य प्रदेश में 2,708 करोड़ रुपये की लागत से 80 रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में रेलवे पटरियों के ऊपर 1,109 फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज सड़कें बनाई गई हैं।

80 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन बनाया जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश में 80 स्टेशनों को ‘अमृत स्टेशन’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिस पर 2,708 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन स्टेशनों में अकौड़िया, आमला, अनुपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, बनापुरा, बरगवां, ब्योहारी, बेरछा, बैतूल, भिंड, भोपाल, बिजुरी, बीना, ब्यावरा, छिंदवाड़ा, डबरा, दमोह, दतिया, देवास, गाडरवारा, गंजबासौदा, घोड़ाडोंगरी, गुना, ग्वालियर, हरदा, हरपालपुर, इंदौर जंक्शन, इटारसी जंक्शन, जबलपुर, जुन्नारदेव, करेली, कटनी जंक्शन, कटनी मुड़वारा, कटनी साउथ, खाचरोद, खजुराहो जंक्शन, खंडवा, खिरकिया, लक्ष्मीबाई नगर, मैहर, मक्सी जंक्शन, मंडला फोर्ट, मंदसौर, एमसीएस छतरपुर, मेघनगर, मुरैना, मुलताई, नागदा जंक्शन, नैनपुर जंक्शन, एमसीएस छतरपुर, मेघनगर, मुरैना, मुलताई, नागदा जंक्शन, नैनीपुर जंक्शन, नर्मदापुरम (होशंगाबाद), नरसिंहपुर, नेपनागर, नीमच, ओरछा, पांढुर्ना, पिपरिया, रतलाम, रीवा, रुथियाई, सांची, संत हिरदाराम नगर, सतना, सागर, सीहोर, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्यामगढ़, श्योपुर कलां, शिवपुरी, श्रीधाम, शुजालपुर, सिहोरा रोड, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया, विदिशा और विक्रमगढ़ आलोट स्टेशन शामिल हैं।

स्टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं के अंतर्गत 1,950 करोड़ रुपये की लागत से रानी कमलापति, ग्वालियर, खजुराहो, सतना, इंदौर, बीना और जबलपुर जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य चल रहा है।

राज्य में 2,456 किलोमीटर नई पटरियों का निर्माण

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रेलवे सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। ‘कवच’ तकनीक के अंतर्गत 3,572 किलोमीटर रेल मार्ग पर सुरक्षा कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 1,422 किलोमीटर पर कार्य प्रगति पर है। यह तकनीक ट्रेन संचालन के दौरान दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगी और यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगी। मध्यप्रदेश में विद्युतीकरण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है। राज्य में 2,808 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण पूरा किया जा चुका है, जिससे मध्यप्रदेश 100 प्रतिशत विद्युतीकृत राज्य बन चुका है। इसके अलावा, राज्य में 2,456 किलोमीटर नई पटरियों का निर्माण किया गया है, जो डेनमार्क के पूरे रेल नेटवर्क के बराबर है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यात्रियों के बेहतर अनुभव के लिए मध्यप्रदेश में 4 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जो राज्य के 14 जिलों को जोड़ती हैं और इन जिलों में 18 स्टॉपेज हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए 69 लिफ्ट, 41 एस्केलेटर और 408 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा भी प्रदान की गई है।

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