भस्म आरती में बाबा महाकाल ने हनुमान स्वरूप में श्रृंगार, मेवों से किया गया दिव्य शृंगार
Baba Mahakal: मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि पर मंगलवार को सुबह 4 बजे विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खोले गए। सबसे पहले भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। फिर दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजा की गई है। आज बाबा महाकाल का हनुमान स्वरूप में शृंगार किया गया।
श्री महाकालेश्वर भगवान को न केवल त्रिपुंड और वैष्णव तिलक से अलंकृत किया गया, बल्कि हनुमान के रूप में भी शृंगारित किया गया। इस समय उनके माथे पर राम-राम भी लिखा गया है। श्री महाकालेश्वर भगवान का सूखे मेवों से दिव्य शृंगार किया गया। महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। भगवान महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। फिर महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई।
सुबह सैकड़ों श्रद्धालु भस्म आरती के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। लोगों ने नंदी महाराज के दर्शन किए और उनके कानों के पास जाकर अपनी मनोकामना पूरी करने का आशीर्वाद मांगा। भक्त बाबा महाकाल के जयकारे भी लगाते हैं। पूरा मंदिर बाबा के जयकारों से गूंज रहा था।