
पहल्गाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अब पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अब सिर्फ सीमा पर जवाब नहीं, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर भी भारत ने पाकिस्तान को घेरने का ऐलान कर दिया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान से आयात-निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करते हुए, उसकी आर्थिक नब्ज पर प्रहार किया है।
अब न तो पाकिस्तान से कोई सामान भारत आएगा और न ही भारतीय पोत उसके बंदरगाहों पर जाएंगे। यही नहीं, भारतीय बंदरगाहों पर भी पाकिस्तानी जहाजों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। साथ ही डाक और पार्सल सेवा भी पूर्णतः निलंबित कर दी गई है। ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं।
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भारत अब अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों जैसे विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और IMF से भी मांग कर रहा है कि पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक मदद की समीक्षा की जाए। अगर IMF और FATF जैसे संगठन पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हैं तो उसका आर्थिक वजूद खतरे में पड़ सकता है।
वर्तमान में पाकिस्तान भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। IMF से उसे पहले ही बेलआउट पैकेज मिल चुका है, और हाल में ही उसे जलवायु ऋण मिला था। लेकिन अगर भारत की रणनीति सफल होती है और विदेशी मदद रुकती है, तो पाकिस्तान के लिए आर्थिक अस्तित्व बनाए रखना भी कठिन हो जाएगा।
व्यापारिक मोर्चे पर भारत ने पहले ही अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया था। अब जो थोड़ी-बहुत वस्तुएं आ रही थीं, जैसे सूखे मेवे, सेंधा नमक, जड़ी-बूटियां आदि, उनका भी रास्ता बंद कर दिया गया है। दूसरी ओर, भारत पाकिस्तान को दवाएं, मसाले, कपास, इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि उत्पादों का निर्यात करता रहा है। अब यह व्यापार भी ठप हो जाएगा।