बड़ी ख़बर

नए वित्तीय वर्ष में किसानों को बड़ी राहत, जानें किसान क्रेडिट कार्ड में क्या हुए बदलाव

Big relief to farmers in the new financial year, know what changes have been made in Kisan Credit Card

नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही कई नए नियम लागू हो रहे हैं, जिनमें से एक बड़ा बदलाव किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से जुड़ा है। सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केसीसी के तहत लोन की अधिकतम सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है। यह फैसला किसानों को खेती संबंधी खर्चों में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।

क्या है किसान क्रेडिट कार्ड?

किसान क्रेडिट कार्ड एक बैंकिंग सुविधा है, जिसके माध्यम से किसान बीज, उर्वरक, कीटनाशक और अन्य कृषि संसाधनों की खरीद के लिए किफायती दरों पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना किसानों की नकदी जरूरतों को पूरा करने और कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए चलाई जाती है।

सरकार ने 2019 में इस योजना का विस्तार करते हुए पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को भी इसमें शामिल किया था। इससे इन क्षेत्रों में कार्यरत किसानों को भी सस्ती दरों पर ऋण की सुविधा मिलने लगी।

केसीसी खातों में रिकॉर्ड वृद्धि

हाल के आंकड़ों के अनुसार, चालू किसान क्रेडिट कार्ड खातों के तहत कुल ऋण राशि 31 दिसंबर 2024 तक 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। इस योजना से अब तक 7.72 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं। 2014 में यह राशि 4.26 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब दोगुने से भी अधिक हो गई है।

बजट में कृषि क्षेत्र के लिए क्या बदलाव हुए?

हाल ही में पेश हुए केंद्रीय बजट में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए बजट में 2.75% की कटौती कर इसे 1.37 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। हालांकि, अन्य संबंधित क्षेत्रों में बजट आवंटन बढ़ाया गया है।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए आवंटन को 37% बढ़ाकर 7,544 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए बजट 56% बढ़ाकर 4,364 करोड़ रुपये किया गया है।

आगे की उम्मीदें

सरकार का अनुमान है कि कृषि, संबद्ध क्षेत्रों और खाद्य प्रसंस्करण के लिए कुल बजट आवंटन 2025-26 में 1.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह संशोधित अनुमान 1.47 लाख करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद के साथ रखा गया है।

किसानों के लिए यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है?

बढ़ी हुई लोन सीमा से छोटे और मध्यम किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी।

कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उत्पादन क्षमता में सुधार होगा।

संबद्ध क्षेत्रों के लिए अधिक बजट से मत्स्य, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूती मिलेगी।

कृषि क्षेत्र में यह बदलाव किसानों के लिए राहतकारी साबित हो सकता है। नए वित्तीय वर्ष में लागू हुए नियमों से किसानों को बेहतर वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को और अधिक सशक्त बना सकेंगे।

समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button