मुवक्किल से फीस वसूली के लिए कोर्ट पर फैसला लेने का प्रेशर नहीं डाल सकते वकील – हाई कोर्ट
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में वकीलों को फटकार लगाते हुए कहा अपनी फीस बचाने के लिए वकील कोर्ट से अपने पक्ष में फैसला करने के लिए नहीं कह सकते। कोर्ट ने एक वकील की आलोचना की जिसने कोर्ट से कहा कि अगर उसका केस खारिज कर दिया गया तो उसे फीस नहीं मिलेगी।
2 अगस्त को जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने सुनवाई के दौरान कहा कि वकील का पेशा कोई बिजनेस या कमर्शियल एक्टिविटी नहीं है, जिसके लिए कोर्ट पर दबाव डाला जाए। वकील अपने मुवक्किल से फीस वसूली करने के लिए कोर्ट पर फैसला लेने का प्रेशर नहीं डाल सकते।
वकील अपने मुवक्किलों से फीस वसूलने का निर्णय लेने के लिए अदालत पर दबाव नहीं डाल सकते। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि वकीलों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने मुवक्किलों की समस्याओं को अपने कौशल से अदालत के सामने पेश करें। इसलिए एक वकील को कभी भी अपने पेशे का व्यवसायीकरण करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
कोर्ट ने कहा यह सुनिश्चित करना कोर्ट का काम नहीं है कि कोई वकील अपने मुवक्किल से फीस लेता है या नहीं। इसलिए अदालत वकील के व्यवहार और उनके द्वारा की गई टिप्पणियों की निंदा करती है।” वहीं लंबी बहस के बाद कोर्ट ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए याचिका खारिज कर दी।