रीवा जिले की त्योंथर तहसील में कार्यरत एसडीएम पाठक को तहसीलदार के फैसले के खिलाफ दर्जा दिलाने के लिए 14 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। कार्रवाई के बाद एसडीएम के रीडर को जमानत मिल गई। लोकायुक्त दल ने एसडीएम के रीडर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत करने वाले मझिगवां निवासी उमेश कुमार शुक्ला ने पिछले दिनों इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी।
पाठक को रंगे हाथ पकड़ लिया गया
आरोपी शशि बिस्वकर्मा (खंड लेखक और रीडर, अनविभागीय अधिकारी राजस्व त्यौंथर, रीवा) तहसीलदार द्वारा पारित निर्णय पर रोक लगाने के लिए 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था। सौदेबाजी के बाद यह रकम 14 हजार रुपये तय हुई। बुधवार दोपहर आरोपी के कार्यालय में कार्रवाई करते हुए रीडर को रंगे हाथों पकड़ा गया।
14000 ने अनुकूल निर्णय लेने के लिए कहा
आरोपी शशि कुमार बिश्वकर्मा ने उपखंड अधिकारी तैंठर के न्यायालय में लंबित एक राजस्व मामले में तहसीलदार तैंथर द्वारा दिए गए निर्णय के विरुद्ध विश्वकर्मा संशोधित करने हेतु एसडीएम से आदेश प्राप्त करने के लिए शिकायतकर्ता से 20,000 रुपये की रिश्वत ली। नक्शा संयुक्त खसरा नंबर 329 पर बटंका का दावा था।
रीवा लोकायुक्त संभाग के प्रभारी पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार ने मामले का सत्यापन किया। सत्यापन के बाद आरोप सही पाए जाने पर बुधवार को प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में टीम गठित की गई और जाल बिछाकर आरोपी पाठक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।