मध्यप्रदेश कर्मचारियों के लिए बड़ी मुसीबत,फंस सकता है एरियर का पैसा,अब राशि मिलना मुश्किल
Big trouble for Madhya Pradesh employees, arrears money may get stuck, now it is difficult to get the amount

Arrear payment: मध्यप्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। खासकर मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण बन गया है। जहां एक ओर कंप्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र (CPCT) परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर एरियर भुगतान में भी अड़चनें आ रही हैं।
नई योग्यता शर्त और बढ़ती परेशानियां
मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी ने अपने नए टेंडर में यह शर्त जोड़ी है कि सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को CPCT परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इसका सीधा असर 2,000 से अधिक कर्मचारियों पर पड़ सकता है, क्योंकि वर्तमान में 2,500 कर्मचारियों में से केवल 160 ही इस परीक्षा को पास कर पाए हैं। इस नई अनिवार्यता के कारण हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है।
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एरियर भुगतान में देरी से असमंजस
इसके अलावा, एरियर और बढ़े हुए वेतन के भुगतान को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा देने वाली एजेंसियों का एग्रीमेंट 31 मार्च को समाप्त होने जा रहा है, और नए टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर 31 मार्च से पहले भुगतान के आदेश नहीं जारी किए गए, तो आउटसोर्स कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन और एरियर मिलना मुश्किल हो सकता है।
कर्मचारियों की मांग और विरोध
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स कर्मचारी मोर्चा और बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने स्पष्ट किया कि पहले से कार्यरत कर्मचारियों का नवीनीकरण किया जाता रहा है, लेकिन अब CPCT परीक्षा पास करना अनिवार्य होने से पुराने कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा बढ़ गया है।
इसके अलावा, संगठन ने 31 मार्च से पहले सभी कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन और एरियर भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है। यदि यह समय पर नहीं किया गया, तो सैकड़ों कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
अब क्या होगा आगे
अब यह देखना होगा कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कर्मचारियों की इन मांगों को पूरा करती है या नहीं। यदि समय रहते आदेश जारी नहीं हुए, तो हजारों आउटसोर्स कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं और उनके भविष्य पर संकट गहरा सकता है।