मध्य प्रदेश सरकार पर करीब 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। कर्ज में डूबी सरकार की कई योजनाएं अब खतरे में हैं। वित्त विभाग ने लाड़ली लक्ष्मी समेत 125 योजनाओं के लिए फंड जारी करने पर लगभग रोक लगा दी है। अब ऐसी योजनाओं के लिए वित्त विभाग की अनुमति के बिना धनराशि जारी नहीं की जाएगी।
सरकार के 47 विभागों में करीब 125 योजनाएं हैं, जिन पर वित्त विभाग ने व्यावहारिक रूप से रोक लगा दी है। वित्त विभाग ने एक आदेश जारी किया, जिसके बाद लोगों की चिंताएं बढ़ गईं। वित्त विभाग ने आदेश जारी किया है कि इन 125 योजनाओं पर खर्च होने वाला पैसा वित्त विभाग की अनुमति या सीधे अनुमति के बिना खर्च नहीं किया जाएगा।
सरकार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से लाड़ली बहनों को प्रति माह लगभग 1600 करोड़ रुपये देती है। जिससे हर माह 1250 रुपये जमा होते हैं। जिसके लिए कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि इसकी फंडिंग के लिए वित्त विभाग से अनुमति की जरूरत नहीं है।
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा की वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी, इसका मतलब यह नहीं है कि ये परियोजनाएं रुकी हुई हैं या बंद हो गई हैं। लेकिन अगर उस समय पैसा नहीं मिला तो इसके रिजेक्ट होने की संभावना रहती है, शायद इसीलिए परमिशन लगाई जाती है। मध्य प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। औसतन सरकार प्रति माह 2000 करोड़ रुपये उधार ले रही है और उसका बजट लगभग 4 लाख करोड़ रुपये है और वह इतने ही कर्ज तक पहुंच गई है।