मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ा अपडेट आया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाई स्कूल शिक्षकों के भर्ती नियमों में बदलाव का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह निर्देश आरक्षित अभ्यर्थियों की पात्रता में छूट से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए दिया। राज्य सरकार को दो दिन के भीतर नियमों में संशोधन करना होगा।
जबलपुर हाईकोर्ट ने हाई स्कूल शिक्षक भर्ती नियमों में संशोधन करने का आदेश दिया है। इसके लिए दो दिन का समय दिया गया है। मामला आरक्षित उम्मीदवारों की पात्रता में छूट से संबंधित है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की युगलपीठ ने मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
इस संबंध में प्रदेश भर से कई अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, जिनमें हरदार शिवानी शाह भी शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने 17 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था लेकिन सिर्फ 12 हजार पद ही भरे गए। पांच हजार पद खाली हैं।
कोर्ट को सौंपे हलफनामे में डीपीआई ने कहा कि हालांकि आवेदकों के अंक 50 फीसदी से कम और 45 फीसदी से ज्यादा थे, लेकिन उनके अंक तृतीय श्रेणी लिखे होने के कारण उन्हें नियुक्त नहीं किया गया। कुछ शिक्षकों के पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की मार्कशीट में 45 फीसदी से ज्यादा लेकिन 50 फीसदी से कम अंक हैं। उनकी अंकसूची में श्रेणी II लिखा है, जिसके चलते 448 अभ्यर्थियों की भर्ती हुई है।
हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से पेश किए गए रिकॉर्ड को अपर्याप्त बताते हुए विवादित नियम को तुरंत संशोधित कर कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया। इसके लिए सरकार को दो दिन का समय दिया गया है। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि आवेदकों की नियुक्ति हाई स्कूल शिक्षक के पद पर हो सकती है या नहीं। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।