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IAS बनने का मंत्र: विकास दिव्यकीर्ति का 8-8-8 फॉर्मूला, जहां पढ़ाई, नींद और मस्ती है बराबर

दृष्टि IAS के संस्थापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने युवाओं को दी सफलता की खास टिप: "8 घंटे पढ़ो, 8 घंटे सोओ, 8 घंटे जीओ जिंदगी खुलकर" — जानिए कैसे करें इस फार्मूले को फॉलो

IAS बनने का सपना लाखों युवाओं की आंखों में बसता है, लेकिन उसे पूरा करने का रास्ता आसान नहीं होता। कठोर परिश्रम, अनुशासन और सही रणनीति की जरूरत होती है। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए दृष्टि IAS के संस्थापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने छात्रों को एक सरल लेकिन बेहद असरदार फॉर्मूला बताया है, जिसे सोशल मीडिया पर भी खूब पसंद किया जा रहा है।

क्या है “8-8-8 फार्मूला”

विकास दिव्यकीर्ति का मानना है कि UPSC की तैयारी सिर्फ किताबों में डूबे रहने का नाम नहीं है। उनका फार्मूला है:

8 घंटे पढ़ाई + 8 घंटे नींद + 8 घंटे जीवन के अन्य जरूरी कार्य और मस्ती।

इस संतुलन को बनाए रखना ही दीर्घकालिक सफलता की कुंजी है।

नींद को मत करो नजरअंदाज

छात्रों में अक्सर यह भ्रम होता है कि IAS बनने के लिए नींद कम करना जरूरी है, लेकिन विकास दिव्यकीर्ति इससे बिल्कुल इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने कहा कि नींद हमारे दिमाग की रीचार्जिंग प्रक्रिया है। यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेंगे, तो जो भी पढ़ेंगे वो दिमाग में टिकेगा नहीं।

“8 घंटे की नींद न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक सतर्कता के लिए भी ज़रूरी है,” डॉ. दिव्यकीर्ति कहते हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि अच्छी नींद के बिना पढ़ाई का कोई फायदा नहीं होता।

पढ़ाई के लिए स्मार्ट प्लानिंग जरूरी

IAS जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी में 8 घंटे पढ़ाई करना काफी है, लेकिन वह पढ़ाई निरंतर और गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए। डॉ. दिव्यकीर्ति बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना जरूरी है ताकि दिमाग थकान महसूस न करे।

उनका सुझाव है कि एकाग्रता बनाए रखने के लिए 2-2 घंटे के स्लॉट में पढ़ाई करें और हर स्लॉट के बाद 10–15 मिनट का ब्रेक जरूर लें।

मौज-मस्ती भी है जरूरी

डॉ. दिव्यकीर्ति ने यह भी कहा कि जीवन केवल किताबों में सिमट कर नहीं रह जाना चाहिए। 8 घंटे का समय ऐसे कार्यों के लिए भी होना चाहिए जो व्यक्ति को सुकून दें — जैसे टहलना, दोस्तों से मिलना, परिवार के साथ समय बिताना या फिर कोई हॉबी फॉलो करना।

“जब जीवन में खुशियाँ होंगी, तभी पढ़ाई भी अच्छे से हो पाएगी,” उन्होंने मुस्कराते हुए कहा।

क्यों वायरल हो रहा है यह वीडियो

छात्रों में यह वीडियो इसलिए तेजी से वायरल हो रहा है क्योंकि यह न केवल प्रैक्टिकल सलाह देता है, बल्कि उन्हें अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा भी देता है। जहां आजकल ज्यादातर गाइडेंस “रात-रात भर पढ़ने” पर ज़ोर देती है, वहीं विकास दिव्यकीर्ति का यह मानवीय और संतुलित दृष्टिकोण छात्रों को ज्यादा आकर्षित कर रहा है।

IAS बनने का रास्ता लंबा है, लेकिन अगर आप डॉ. दिव्यकीर्ति के “8-8-8” फार्मूले को अपनाते हैं, तो यह यात्रा ज्यादा सहज और संतुलित हो सकती है। तैयारी का मतलब सिर्फ पढ़ना नहीं, बल्कि जीवन जीना भी है — और यही सफलता की असली कुंजी है।

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