MP assembly election 2023: सिहावल विधानसभा सीट से खिसके जनाधार को क्या वापस लौटा पाएगी बीजेपी या फिर से कांग्रेस का वर्चस्व रहेगा बरकरार, जानिए होने वाले चुनाव की पूरी गणित।
प्रथम न्याय न्यूज सीधी। मध्य प्रदेश का सीधी जिला पेशाब कांड के बाद सुर्खियों में रहने वाला यह जिला है जिसका नाम पूरे देश में छा गया था क्योंकि सीधी जिला में चर्चित पेशाब कांड हुआ था। अब क्योंकि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां हो चुकी है निर्वाचन आयोग एवं चुनावी पार्टियों ने भी अपनी-अपनी तैयारी को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। आज हम बात करेंगे सिहावल विधानसभा की जहां पर कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व कायम रहा है यह वही विधानसभा सीट है जिसमें सिर्फ एक बार वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत का स्वाद तो चखा परंतु उसके बाद वर्ष 2013 एवं 18 में उसे निराशा हाथ लगी। कभी अपनों से तो कभी परायों से, क्योंकि वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से तत्कालीन विधायक विश्वामित्र पाठक को मैदान में उतर गया था परंतु कुछ सजातीय लोगों की वजह से उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी। और पहली बार स्वर्गीय इंद्रजीत कुमार पटेल के पुत्र कमलेश्वर पटेल ने फतह हासिल की थी। जबकि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी और भाजपा के प्रत्याशी में मतों को लेकर लगभग एक समानता थी। और कांग्रेस के प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल ने जीत की एकतरफा पुनरावृत्ति की थी।
लगभग दो लाख पचास हजार के आसपास मतदाताओं वाली सिहावल विधानसभा सीट में इस बार भाजपा और कांग्रेस में जबरदस्त आपसी टक्कर देखने को मिलेगी क्योंकि पहले से भी मजबूत कमलेश्वर पटेल का CWC का सदस्य बनने के बाद पार्टी एवं लोगों के बीच में कद बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में भाजपा के लिए कांग्रेस को मात देना आसमान से चांद तारे तोड़ लाने जैसा होगा।
भाजपा को ढूंढना होगा बढ़िया विकल्प
प्रथम न्याय न्यूज़ के क्षेत्रीय सर्वे में पता चला कि अगर इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अच्छा विकल्प नहीं उतरा तो एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी सिहावल विधानसभा में कांग्रेस के जीत का रथ रोकने में असफल हो जाएगी, सूत्रों की माने तो सिहावल विधानसभा से पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक एवं सांसद रीती पाठक का नाम तय माना जा रहा है परंतु यह भारतीय जनता पार्टी है इसके बाहर कुछ और तथा अंदर कुछ और पकता है। जिसका स्वाद केवल पार्टी के अंदर ही कुछ लोग चख पाते है बाहर वाला कभी नहीं जान पाता।
कई कद्दावर नेता लगे टिकट की होड़ में
अक्सर देखा गया है कि मुराद पूरी करने के लिए लोग मंदिरों में जाते हैं परंतु इस समय पर चुनावी मुराद पूरी करने के लिए सिहावल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा के आधा दर्जन से अधिक नेता पार्टी कार्यालय भोपाल में डेरा जमाए बैठे हुए। और दावे के साथ सभी यह ताल ठोक रहे हैं की टिकट हमारा है भोपाल से लौटेंगे तो जेब में डालकर टिकट लौटेंगे।
अंतरकलह से भी जूझेगी बीजेपी
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी से बागी होकर पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे एवं जीत तो नहीं पाए परंतु बीजेपी की खटिया खड़ी कर दिए, और भारतीय जनता पार्टी की जीत के सभी समीकरण धरे के धरे रह गए। लोगों का यह मानना है कि यदि टिकट का बंटवारा सिहावल विधानसभा में सोच समझ कर नहीं हुआ तो पार्टी के अंदर बैठे हुए विभीषण इस बार नैया बीच मझधार में डुबो देंगे।
तो क्या जीत की हैट्रिक लगाएंगे कमलेश्वर
जिस तरह से भाजपा के अंदर खलबली मची हुई है एवं टिकट के दावेदार भोपाल में डेरा जमाए बैठे हुए हैं उनके बीच में आपसी तालमेल की कमी को स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है कि खींचतान मची हुई है। वहीं CWC का सदस्य बनने के बाद कमलेश्वर पटेल का कद बढ़ गया है और यह कहना अतिसंयोक्ति नहीं होगा कि इस बार कमलेश्वर पटेल फिर से सिहावल विधानसभा में जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहेंगे।