एमपी के श्रमिकों को सौगात: CM मोहन यादव का ऐलान ,इनको मिलेंगे 40 हजार रुपए
सशक्तिकरण, सुरक्षा और सम्मान के माध्यम से श्रमिकों के उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश सरकार ने श्रमिकों को सशक्त बनाने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल श्रमिकों को उनके अधिकार दिलाना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर राज्य को समृद्धि की ओर अग्रसर करना भी है।
राज्य सरकार ने हाल ही में हुकुमचंद मिल के 4,800 श्रमिक परिवारों को ₹224 करोड़ का भुगतान करके यह साबित कर दिया कि वह श्रमिक हितों के प्रति पूरी तरह संकल्पबद्ध है। यह निर्णय वर्षों से संघर्ष कर रहे श्रमिकों के लिए एक बड़ी राहत और न्याय की जीत है।
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इसके साथ ही, सरकार ने गिग वर्कर्स—जैसे डिलीवरी ब्वॉय, ड्राइवर और अन्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों—को भी संबल योजना में शामिल करना शुरू कर दिया है। अब तक 1,400 से अधिक गिग वर्कर्स का पंजीयन हो चुका है, जो इस बात का संकेत है कि सरकार बदलते समय के साथ श्रमिकों की जरूरतों को भी समझ रही है।
राज्य सरकार ने दिव्यांगता या मृत्यु की स्थिति में मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर ₹4 लाख कर दिया है। यह कदम श्रमिकों और उनके परिवारों को भविष्य की अनिश्चितताओं से बचाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। इससे श्रमिकों को मानसिक और आर्थिक सुरक्षा मिलती है, जिससे वे बिना चिंता के अपने काम में लगे रह सकते हैं।
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इसके अतिरिक्त, श्रमिकों की दैनिक जिंदगी को आसान बनाने के लिए सरकार ने उन्हें ई-स्कूटर खरीदने हेतु ₹40,000 की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। यह सहायता न केवल उनके आने-जाने को सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सराहनीय कदम है।
इन सभी योजनाओं से यह स्पष्ट होता है कि मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें प्रभावी रूप से ज़मीन पर लागू करना है। सरकार का संकल्प है कि हर नागरिक को उसका हक और सम्मान मिले, और विशेष रूप से श्रमिक वर्ग को वह सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाए, जिसके वे वास्तव में हकदार हैं।
मध्यप्रदेश आज एक ऐसे राज्य के रूप में उभर रहा है जहाँ श्रमिकों को केवल काम करने की जगह नहीं मिलती, बल्कि उनके योगदान को सराहा भी जाता है। यह समावेशी विकास मॉडल न सिर्फ राज्य की आर्थिक प्रगति को गति देगा, बल्कि सामाजिक समरसता और आत्मनिर्भरता की मिसाल भी पेश करेगा।