मध्य प्रदेश में अब महिलाएं सड़कों पर वसूल रही टोल टैक्स, बंद हो गए लड़ाई-झगड़े
MP News : महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रहे मध्य प्रदेश में अब महिलाएं सड़कों पर टोल टैक्स वसूल रही हैं। टोल पर टैक्स वसूली का जिम्मा 2 करोड़ रुपये सालाना से कम आय वाली आत्मनिर्भर समूहों की महिलाओं को सौंपा गया है। राज्य सरकार का दावा है कि ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है। इन टोल नाकों पर केवल महिला कर्मचारी ही तैनात हैं। उनकी सुरक्षा के लिए भी कड़े कदम उठाए गए हैं। इनमें एक और खास बात जो सामने आई है वह यह कि टोलों पर महिलाओं की तैनाती से लड़ाई-झगड़े बंद हो गए हैं।
आत्मनिर्भर महिलाओं की उपलब्धियों को देखते हुए सरकार चार और मार्गों पर टोल वसूली का जिम्मा उन्हें सौंपने जा रही है। समूह की महिलाओं को टोल राजस्व का 30 प्रतिशत कमीशन के रूप में दिया जाता है और 70 प्रतिशत राजस्व सड़कों को सुधारने और बनाए रखने के लिए राजमार्ग निधि में जमा किया जाता है। एक साल से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन सड़क मार्ग मलहेरा -चांदला, शाजापुर- दोपाड़ा- नलखेड़ा और उज्जैन-मक्सी सड़क पर टोल वसूली स्वसहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं।
जिन मार्गों पर वार्षिक अनुमानित संग्रह (एपीसी) 2 करोड़ रुपये से कम है, वहां उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह (टोल टैक्स संग्रह) का कार्य जिला प्रशासन की मंजूरी से महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाता है। टोल प्लाजा का भौतिक बुनियादी ढांचा जैसे कैनोपी, फास्टैग सुविधा, शौचालय निगम द्वारा प्रदान किए जाते हैं। यह परिक्षण पिछले साल शिवराज सरकार में आयोजित की गई थी। अब मोहन सरकार चार और मार्गों पर टोल टैक्स वसूलने का काम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को देगी।
राज्य सड़क विकास निगम के प्रबंध निदेशक अविनाश लवानिया ने वताया सड़कों पर टोल टैक्स वसूली का काम महिला स्व-सहायता समूहों को दिया गया है। पिछले एक साल से पायलट प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश में तीन सड़कों पर टोल प्लाजा का संचालन महिलाएं कर रही हैं। परिणामस्वरूप महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त एवं समृद्ध हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए यह एक अनूठी पहल है। परियोजना को और विस्तार देते हुए चार और रोड टोल प्लाजा स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को सौंपे जाएंगे।