
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक घायल हो गए। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर आ रही थी, जिसके बाद देशभर में रोष की लहर फैल गई। हर नागरिक की एक ही मांग थी—’बदला चाहिए।
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सरकार और सेना की लगातार बैठकों के बाद देर रात भारतीय सेना ने निर्णायक कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया गया। सेना ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के नौ प्रमुख ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। यह ऑपरेशन भारतीय थलसेना और वायुसेना के संयुक्त प्रयास से सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन पर व्यक्तिगत रूप से नज़र बनाए रखी और हर पल की जानकारी ली। यह सर्जिकल स्ट्राइक देश की सुरक्षा के लिए एक सख्त संदेश है—अब बर्दाश्त नहीं, सिर्फ जवाब होगा।
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पाकिस्तानी सेना ने भारतीय कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में हवाई हमले किए गए हैं। पाकिस्तानी वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सरकार ने स्पष्ट किया है कि वे इस हमले का जवाब देंगे।
वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान की आम जनता में भय और अफरातफरी का माहौल है। कई शहरों में आपातकाल लागू कर दिया गया है, एयरपोर्ट्स बंद हैं और उड़ानें 48 घंटे के लिए रद्द कर दी गई हैं। भारत के निर्णायक कदम ने पूरे पाकिस्तान को सतर्क कर दिया है।