PM-eBus Sewa : भारत सरकार 2025 तक प्रमुख शहरों में एक लाख इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने के लिए भारत शहरी मेगाबस मिशन शुरू कर रही है। 1.75 लाख करोड़ रुपये के इस मिशन का लक्ष्य सार्वजनिक परिवहन और गैर-मोटर चालित यात्रा को बढ़ाना है।
शहरों में डीजल और पेट्रोल वाहनों की बहुतायत के कारण बढ़ते प्रदूषण से नारकीय होती जा रही जिंदगी को सुधारने के लिए मोदी सरकार एक बड़ी योजना को अंजाम देने जा रही है। देश के 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 65 शहरों में एक लाख इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी है। भारत शहरी मेगाबस मिशन योजना पर तेजी से काम चल रहा है।
1.75 लाख करोड़ रुपये की लागत से यह योजना नए साल (2025) में लॉन्च की जाएगी. मोदी सरकार की यह नई योजना पिछले साल पीपीपी मॉडल पर शुरू की गई थी. यह पीएम ई-बस सेवा का विस्तार है। पीएम ई-बस कार्यक्रम के तहत तीन लाख की आबादी वाले शहरों को 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों से लैस करने की तैयारी थी।
यह प्रदूषण को नियंत्रित करने में कारगर होगा
इस योजना को कई उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए क्रियान्वित किया जाएगा। एक लक्ष्य शहरों को प्रदूषण से मुक्त करना है, दूसरा लक्ष्य लोगों को निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन की ओर आकर्षित करना है। केंद्र सरकार का लक्ष्य 2030 तक सार्वजनिक परिवहन को मोटर चालित यात्राओं में 60 प्रतिशत और गैर-मोटर चालित यात्राओं में कम से कम 50 प्रतिशत तक बढ़ाना है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, भारतीय शहरों में 56 प्रतिशत से अधिक यात्राएं पांच किलोमीटर से कम लंबाई की होती हैं।
योजना पांच साल तक चलेगी
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस योजना पर 2025-2030 तक काम जारी रहेगा। कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये में से 80,000 करोड़ रुपये बसों के संचालन पर खर्च किए जाएंगे और 45,000 करोड़ रुपये की लागत से बस स्टॉप सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। योजना के मुताबिक, पैदल या साइकिल से छोटी दूरी तय करने के लिए कुल पांच हजार किलोमीटर के रास्ते और साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे।