रीवा में थाने के भीतर युवती से दुर्व्यवहार का आरोप, पुलिसकर्मी ने बताया आरोप निराधार
युवती ने पुलिसकर्मी पर लगाया अश्लील बातचीत का आरोप,पारिवारिक विवाद के चलते थाने पहुंची थी पीड़िता

रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान थाना क्षेत्र से पुलिस महकमे की छवि को धूमिल करने वाला एक मामला सामने आया है। एक युवती ने थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक संतोष सिंह पर छेड़छाड़ और अशोभनीय व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं, पुलिसकर्मी ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने की मांग की है।
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मामले की शुरुआत उस वक्त हुई जब पारिवारिक विवाद से परेशान एक युवती थाने पहुंची थी। युवती का कहना है कि उसकी चाची और चाची के मायके पक्ष के लोग — मालती मिश्रा, काजल मिश्रा और राम निरंजन तिवारी — उसे और उसके परिवार को लगातार धमका रहे थे। झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकियों से तंग आकर उसने रायपुर कर्चुलियान थाने में शिकायत दर्ज करानी चाही।
युवती का आरोप है कि इसी दौरान प्रधान आरक्षक संतोष सिंह ने उसका मोबाइल नंबर लिया और बाद में अश्लील बातें करने की कोशिश की। आरोप है कि थाने में भी संतोष सिंह के व्यवहार से वह बेहद असहज महसूस करने लगी। परेशान होकर युवती ने एडिशनल एसपी आरती सिंह से मुलाकात कर पूरी घटना की लिखित शिकायत दी और अपनी सुरक्षा की मांग की।
उधर, पूरे घटनाक्रम में प्रधान आरक्षक संतोष सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी तरह का गलत व्यवहार नहीं किया। उनका कहना है कि युवती सिर पर चोटिल अवस्था में थाने आई थी और मानवता के नाते सिर की चोट को देखकर उसकी मदद करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला कॉन्स्टेबल की उपस्थिति में ही पीड़िता से बातचीत की गई थी और कोई भी अनुचित कार्य नहीं किया गया।
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संतोष सिंह ने बताया कि युवती और उसके परिजनों के खिलाफ पहले से ही एक प्रकरण पंजीबद्ध है, जो पारिवारिक विवाद से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मामला सुलझाने के लिए ही हस्तक्षेप किया जा रहा था और उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने मांग की है कि पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।
फिलहाल मामला वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में पहुंच चुका है और जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। पुलिस विभाग ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, युवती ने भी अपनी ओर से उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस व्यवस्था की कार्यप्रणाली और थानों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि जांच में कौन-सी सच्चाई सामने आती है और न्याय किसे मिलता है।