संत प्रेमानंद महाराज पर रामभद्राचार्य का बड़ा बयान: ‘संस्कृत बोलकर दिखाएं तो मानूं चमत्कार
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने संत प्रेमानंद महाराज को चुनौती दी—संस्कृत बोलकर या श्लोकों का अर्थ बताकर दिखाएं तभी मानें चमत्कार

मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। अपनी सादगी और भक्ति के लिए मशहूर प्रेमानंद महाराज को लेकर अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने तीखा बयान दिया है।
उन्होंने खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर प्रेमानंद महाराज वास्तव में विद्वान और चमत्कारी हैं तो उन्हें एक अक्षर संस्कृत बोलकर दिखाना चाहिए या फिर किसी संस्कृत श्लोक का सही अर्थ समझाना चाहिए।
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रामभद्राचार्य ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि पहले केवल विद्वान लोग ही कथा और धर्म का ज्ञान दिया करते थे, लेकिन आजकल अज्ञानियों ने भी इसे अपना माध्यम बना लिया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रेमानंद महाराज उनके लिए बालक के समान हैं और उनके प्रति किसी प्रकार का व्यक्तिगत द्वेष नहीं रखते।
गौरतलब है कि प्रेमानंद महाराज लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनकी दोनों किडनियां पिछले 19 वर्षों से खराब हैं, फिर भी वह प्रतिदिन वृंदावन की परिक्रमा करते हैं।
इसी दृढ़ आस्था और भक्ति ने उन्हें आम भक्तों से लेकर विराट कोहली जैसे बड़े सेलिब्रिटी तक का आशीर्वाददाता बना दिया है।
हालांकि, रामभद्राचार्य का कहना है कि संत की लोकप्रियता क्षणिक है और इसे ‘चमत्कार’ कहना गलत है। उनके अनुसार, सच्चा चमत्कार वही है जब कोई शास्त्रों की गहराई से व्याख्या कर सके और संस्कृत श्लोकों का सही अर्थ बता पाए।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि प्रेमानंद महाराज भजन अवश्य अच्छे करते हैं, लेकिन उन्हें विद्वान या चमत्कारी कहना उचित नहीं है।