रीवा कलेक्टर का औचक निरीक्षण: लापरवाह कर्मचारियों पर गिरी गाज
प्रशासनिक व्यवस्था की समीक्षा का विशेष अभियान,कर्मचारी अनुशासनहीनता पर कलेक्टर का सख्त रुख,रिकॉर्ड व्यवस्था और साफ-सफाई पर कलेक्टर का फोकस

Rewa News: रीवा जिले की कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने मंगलवार दोपहर कलेक्ट्रेट कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य कार्यालय में कर्मचारियों की उपस्थिति, कार्यप्रणाली और दस्तावेजों की स्थिति का मूल्यांकन करना था। कलेक्टर ने विभिन्न शाखाओं में जाकर नस्तियों के निराकरण की प्रगति और अभिलेखों की स्थिति की समीक्षा की।
साफ-सफाई और दस्तावेज़ व्यवस्था पर विशेष जोर
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने पाया कि कई शाखाओं में साफ-सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं है और आवश्यक दस्तावेज उचित तरीके से व्यवस्थित नहीं किए गए हैं। इस पर उन्होंने संबंधित शाखा प्रभारी को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी फाइलें और अभिलेख क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि एक साफ और सुव्यवस्थित कार्यालय न केवल कार्य क्षमता बढ़ाता है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी सुविधा जनक होता है।
अनुपस्थित कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान चार कर्मचारी अपनी निर्धारित सीटों पर अनुपस्थित पाए गए। कलेक्टर ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी ने जानकारी दी कि चार कर्मचारियों के विरुद्ध दो वेतनवृद्धि रोकने और एक दिन का वेतन काटने का नोटिस जारी किया गया है।
जिन कर्मचारियों को नोटिस मिला
नोटिस प्राप्त करने वाले कर्मचारियों में सहायक ग्रेड-3 के देवेंद्र तिवारी, यश सक्सेना, रेखा पांडेय, पवन पाठक और कंप्यूटर ऑपरेटर शिवपूजन सिंह शामिल हैं। इन सभी से नोटिस का जवाब मांगा गया है और यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि उत्तर संतोषजनक नहीं होता है तो एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कार्यालय कार्यप्रणाली में सुधार की पहल
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि कार्यालय में पारदर्शिता और समयबद्ध कार्यप्रणाली को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी शाखाओं में नागरिकों के कार्य शीघ्रता से निपटाए जाएं और किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।
प्रशासनिक सुधार की दिशा में ठोस कदम
इस औचक निरीक्षण को प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। इससे कर्मचारियों में जवाबदेही और अनुशासन की भावना विकसित होगी। जिले में यह संदेश गया है कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कार्यस्थल पर अनुशासन सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।