Satna news: CBI ने करोड़ो के बीमा घोटाले में OICL कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक समेत 13 आरोपियों के खिलाफ मामला किया दर्ज
Satna news: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेडके वरिष्ठ प्रबंधक और विकास निदेशक सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस घोटाले में व्यक्ति, बीमा एजेंट, विशेषज्ञ, जांचकर्ता और सात निजी कंपनियों के मालिक शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर गलत बीमा दावे कर कंपनी को 40 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया। सीबीआई ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रीय निदेशक की शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया है।
शिकायत में दावा किया गया है कि सतना स्थित कंपनी के एक वरिष्ठ प्रबंधक और विकास अधिकारी ने निजी कंपनियों के साथ मिलकर 2022 में गलत बीमा दावे किए। इस आपराधिक साजिश के तहत, कंपनियों ने तेंदू पत्ते के स्टॉक का बीमा किया और फिर मनगढ़ंत आग के बहाने बीमा राशि का दावा किया।
कंपनियों ने फर्जी बिजनेस अकाउंट का इस्तेमाल किया
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि आग कथित तौर पर सतना जिले के अहिरगांव स्थित एक गोदाम में लगी, जहां तेंदू पत्तों का स्टॉक रखा गया था। यह गोदाम विद्युत कनेक्शन विहीन था, इसलिए आगजनी की घटना संदिग्ध मानी जा रही है। ओआईसी लिमिटेड के विशेषज्ञों, जांचकर्ताओं और अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और पंचनामा को नजरअंदाज कर दिया। इसके अलावा, कंपनियों ने फर्जी व्यावसायिक खातों का इस्तेमाल किया और बीमा दावों के लिए जीएसटी रिटर्न भी दाखिल नहीं किया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों के बिना ही 14 पॉलिसियों को मंजूरी दे दी गई
ओआईसी लिमिटेड के विकास अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने 07 बीमा पॉलियों को 14 पॉलिसियों में विभाजित कर बीमा दावों को मंजूरी दिलाने की सुविधा प्रदान की। यह कार्य कंपनी के नियमों के खिलाफ था और इसके जरिए उन्होंने वरिष्ठ प्रबंधक की वित्तीय अधिकार सीमा में दावे को लाकर मंजूरी प्राप्त की। इसके बाद इन फर्मों ने 14 दावे प्रस्तुत किए, जो बिना उच्च अधिकारियों को सूचित किए मंजूर कर लिए गए।
रिपोर्ट में नुकसान को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया
इस साजिश के तहत, वरिष्ठ प्रबंधक ने सर्वेयर और जांचकर्ताओं के माध्यम से 14 सर्वेक्षण और जांच रिपोर्ट प्राप्त की, जिसमें नुकसान को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया। इन रिपोर्टों के आधार पर बीमा दावों को मंजूरी दी गई। आज 11 सितंबर 2024 को सीबीआई ने आरोपियों के इंदौर, सतना और जबलपुर स्थित आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापेमारी की, जहां से कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं।