सीधी

विश्व स्वास्थ्य एवं बाल दिवस पर सिहावल के काशी हायर सेकेंडरी स्कूल,अमिलिया में विशेष आयोजन

कार्यक्रम की भव्य शुरुआत और स्वागत समारोह,विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम और उद्देश्य,छात्रों की रचनात्मक प्रस्तुतियाँ और जागरूकता गतिविधियाँ

सीधी। 7 अप्रैल 2025 को पूरे भारत सहित मध्य प्रदेश में भी विश्व स्वास्थ्य एवं बाल दिवस पूरे उत्साह और जागरूकता के साथ मनाया गया। सीधी जिले के सिहावल क्षेत्र में स्थित काशी हायर सेकेंडरी स्कूल अमिलिया में इस अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश सरकार के आदेशानुसार, DPM सीधी RGSA अजय गुप्ता एवं DC RGSA सीधी कमलेश द्विवेदी के निर्देशानुसार, एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिहावल रविशंकर मिश्रा के नेतृत्व में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, पोषण का महत्व समझाना और बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूल के प्राचार्य द्वारा दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ किया गया। शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों की उपस्थिति रही। स्कूल परिसर को रंग-बिरंगे पोस्टरों और स्वास्थ्य संबंधी स्लोगनों से सजाया गया था, जिससे एक जागरूकता का माहौल बना।

विषयवस्तु और उद्देश्य

इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम रही “स्वस्थ शरीर, सशक्त समाज”, जो दर्शाता है कि एक स्वस्थ व्यक्ति ही समाज के विकास में योगदान दे सकता है। कार्यक्रम में इसी सोच को आधार बनाकर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। खासतौर पर बाल स्वास्थ्य पर जोर दिया गया और बच्चों को बताया गया कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वच्छता की आदतें कैसे उन्हें बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकती हैं।

उद्बोधन में विद्यालय के व्यवस्थापक श्री शुक्ल ने कहा

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने बच्चों को संबोधित किया। वही विद्यालय के व्यवस्थापक महेंद्र शुक्ल ने बच्चों को बताया कि कैसे आज के समय में मोबाइल और इंटरनेट की लत बच्चों की नींद, मानसिक स्वास्थ्य और आँखों पर असर डाल रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों को हर दिन कम से कम एक घंटा आउटडोर गतिविधियों में शामिल होना चाहिए। साथ ही साथ बच्चों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य जितना मजबूत होगा, उनका शैक्षणिक प्रदर्शन भी उतना ही बेहतर होगा। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चा स्वस्थ रहे, पौष्टिक भोजन पाए और मानसिक तनाव से दूर रहे।

छात्रों ने ली भागीदारी

कार्यक्रम में छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कुछ बच्चों ने स्वास्थ्य विषय पर नाटक प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने बताया कि जंक फूड से कैसे बीमारियाँ होती हैं और घर का बना भोजन क्यों ज़रूरी है। कविता, भाषण, पोस्टर प्रतियोगिता जैसी गतिविधियों ने छात्रों में स्वास्थ्य जागरूकता को रोचक तरीके से बढ़ाया।

इसके अलावा, छात्रों द्वारा बनाए गए पोस्टरों में “स्वस्थ बच्चा, उज्ज्वल भारत“हर दिन करें व्यायाम, रहें हमेशा सेहतमंद” जैसे स्लोगन विशेष आकर्षण का केंद्र बने।

पोषण और स्वच्छता पर कार्यशाला

एक अन्य सत्र में पोषण विशेषज्ञ ने बच्चों को बताया कि उनकी थाली में कौन-कौन से रंग होने चाहिए – हरी सब्जियाँ, दूध, दालें, फल और साबुत अनाज – ये सभी पोषण के स्तंभ हैं। इसके अलावा स्वच्छता पर भी जोर दिया गया, खासकर हाथ धोने की विधि और व्यक्तिगत स्वच्छता की आदतें।

बाल मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य

कार्यक्रम के अंत में एक विशेष सत्र ‘बाल मन और तनाव’ पर आयोजित हुआ, जिसमें विशेषज्ञ ने बताया कि पढ़ाई का दबाव, प्रतिस्पर्धा और सोशल मीडिया बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालते हैं। बच्चों को ध्यान और योग जैसी तकनीकों के जरिए मानसिक संतुलन बनाए रखने की सलाह दी गई।

विद्यालय के प्राचार्य मुनींद्र शुक्ल ने कही यह बात

विश्व स्वास्थ्य एवं बाल दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि यह एक सोच है – एक पहल है, जिसके माध्यम से हम बच्चों को उनके उज्जवल, स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर कर सकते हैं। काशी हायर सेकेंडरी स्कूल, अमिलिया द्वारा किया गया यह आयोजन न केवल प्रशंसा के योग्य है, बल्कि यह अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।

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