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सरकारों के बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, आरोपी होने से घर नहीं तोड़ा जा सकता

Supreme Court : मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी दोषी है तो भी उसका घर नहीं तोड़ा जाना चाहिए। सिर्फ आरोपी बनाकर आप पर बुलडोजर कैसे चला सकते हैं? अपराध के आरोप पर किसी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ़ आरोपी होने से घर कैसे गिराया जा सकता है? अगर वह दोषी भी है तो भी घर नहीं गिराया जा सकता। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आप बिलकुल सही हैं। किसी अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं ढहाया जा सकता। लेकिन जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, वो किसी अपराध के आरोपी होने की वजह से नहीं बल्कि अवैध कब्जे या निर्माण के लिए हुई है।

तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऐसा सिर्फ नगर निगम एक्ट के तहत ही किया जा सकता है। जस्टिस गवई ने कहा, सिर्फ आरोप लगने से घर कैसे तोड़ा जा सकता है? हम परिप्रेक्ष्य में कोई बदलाव नहीं देखते हैं। जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता कोर्ट के सामने गलत तथ्य और मामले पेश कर रहे हैं। नियमानुसार कार्रवाई की गई है।

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