मध्यप्रदेश

टेक्नोलॉजी से बदलेगी किसानों की दुनिया: मध्य प्रदेश में ई-मंडी योजना का विस्तार

मध्यप्रदेश अब किसान डिजिटल युग में कदम रख चुके हैं और तकनीक के माध्यम से अपने भविष्य को और अधिक सुरक्षित और समृद्ध बना सकते हैं।

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा और कृषि व्यापार को डिजिटल बनाने के लिए ई-मंडी योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया है। 1 अप्रैल से प्रदेश की सभी 259 मंडियों को इस अत्याधुनिक योजना के अंतर्गत जोड़ा जाएगा। यह पहल किसानों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगी, जिससे वे अपनी उपज को अधिक पारदर्शिता और सरलता के साथ बेच सकेंगे।

ई-मंडी: अब मंडी आने की जरूरत नहीं

ई-मंडी योजना एक वेब और एंड्रॉइड एप्लीकेशन आधारित प्रणाली है, जिसे किसान नि:शुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से अब किसान मंडी में जाने से पहले ही प्रवेश पर्ची बना सकेंगे, जिससे अनावश्यक समय की बचत होगी। इसके अलावा, वे घर बैठे ही अपनी उपज का विक्रय कर सकेंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका भी समाप्त हो जाएगी।

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फायदे जो बदल देंगे किसानों की जिंदगी

ऑनलाइन बिक्री: किसानों को व्यापारियों के पास व्यक्तिगत रूप से जाने की जरूरत नहीं होगी।

तत्काल भुगतान: बिक्री और भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी होगी।

धोखाधड़ी से सुरक्षा: किसान अपनी उपज का रियल टाइम रिकॉर्ड देख सकेंगे और पूरा लेन-देन ट्रैक कर सकेंगे।

बिचौलियों से मुक्ति: अब किसान अपनी उपज का उचित मूल्य पा सकेंगे, जो पहले बिचौलियों के कारण संभव नहीं हो पाता था।

समय की बचत: घंटों इंतजार की जरूरत खत्म होगी और किसानों का कीमती समय बचेगा।

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डिजिटल युग में कदम रखते किसान

ई-मंडी को सुचारू रूप से लागू करने के लिए पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनें खरीदी गई हैं, जिनके माध्यम से अनुज्ञा पत्र जारी किए जाएंगे और मैन्युअल प्रक्रियाओं को समाप्त किया जाएगा। अब किसान मोबाइल ऐप के माध्यम से ही प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें मंडी जाकर इसे कटवाने की जरूरत नहीं होगी।

नए भारत के डिजिटल किसान

ई-मंडी योजना के विस्तार से किसानों को अपनी उपज राज्य और देशभर में बेचने का अवसर मिलेगा। इससे कृषि व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी, बिचौलियों की भूमिका घटेगी और किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा। यह योजना सिर्फ एक डिजिटल बदलाव नहीं है, बल्कि यह किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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