मध्यप्रदेश

जंगली हाथी का आतंक, 10 एकड़ में लगी धान की फसल को किया बर्बाद, वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी

Shahdol News : 6 साल पहले छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्य प्रदेश आए जंगली हाथी वापस नहीं लौटे हैं और अब अलग-अलग झुंडों पर कहर बरपा रहे हैं। ब्यौहारी वन क्षेत्र में लंबे समय से दो जंगली हाथियों की आवाजाही बनी हुई है। यहां जंगली हाथी लगातार फसलों को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। इसे लेकर किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। पूर्व में ब्यौहारी क्षेत्र में जंगली हाथियों के हमले से ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है।

ब्यौहारी के जमुनिहा के पटेरा टोला और पपौध में पिछले दो दिनों से लगातार जंगली हाथी खेतों में घुसकर धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। मंगलवार की रात नौ बजे से तीन बजे के बीच भी जंगली हाथी खेतों में उत्पात मचा रहे थे। बाद में ग्रामीणों ने बैठक कर वन विभाग को सूचना दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने हाथियों को भगाने का प्रयास किया।

ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की

बताया जाता है कि जंगली हाथियों ने करीब 8 से 10 किसानों की 10 एकड़ से अधिक फसल को नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीणों ने बताया कि जंगली हाथी अक्सर बफर जोन से भटक कर गांव में आ जाते हैं। जहां खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हो रहा है। इस मामले की शिकायत ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग के अधिकारियों से की, लेकिन कोई कारगर प्रयास नहीं किये गये।

किसानों को अक्सर हाथियों से नुकसान उठाना पड़ता है

यह क्षेत्र बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और संजय गांधी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ बताया जाता है। इस कारण ग्रामीण किसानों को अक्सर हाथियों और वन्य जीवों से नुकसान उठाना पड़ता है। यह क्षेत्र बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और संजय गांधी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यहां के किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की

जंगली हाथियों ने 10 एकड़ में लगी धान की फसल को बर्बाद कर दिया है। गुस्साए ग्रामीण शाम को एकत्र हुए और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। एसडीओ आरएस धुर्वे का कहना है कि सूचना मिलते ही टीम भेजकर हाथियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना था कि जंगली हाथी बस्ती की ओर न आएं। फसल नुकसान के मामले में पंचनामा बनाकर प्रस्ताव दिया गया है।

समाचार

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