सीधी की नई सब्जी मंडी में कीचड़ का साम्राज्य, करोड़ों खर्च और मुख्यमंत्री के लोकार्पण के बाद भी बदहाल हालात
सीधी की सब्जी मंडी का 15 मई को हुआ था सीएम द्वारा लोकार्पण, लेकिन पहली ही बारिश में उजागर हुई बदइंतजामी और अधूरी तैयारियों की पोल

मध्यप्रदेश के सीधी जिले में हाल ही में शुरू की गई नई सब्जी मंडी इन दिनों बदहाली की तस्वीर बन चुकी है। 2 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी इस मंडी का लोकार्पण खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 15 मई को किया था। लेकिन महज एक महीने के भीतर ही पहली बारिश ने मंडी की खामियों को उजागर कर दिया है।
मंडी में न तो पक्की जमीन है और न ही जल निकासी की कोई व्यवस्था। बारिश के बाद पूरा परिसर कीचड़ से भर गया है, जिससे व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान हैं। स्थानीय व्यापारी शिवभूषण वर्मा का कहना है कि कीचड़ की वजह से ग्राहक सब्जी लेने नहीं आ रहे, और सब्जियां सड़ रही हैं। “लोग आते हैं, देखते हैं और बिना खरीदी लौट जाते हैं,” उन्होंने बताया।
शनिवार रात से हो रही भारी बारिश के चलते स्थिति और गंभीर हो गई है। व्यापारी लागत से भी कम दाम पर सब्जी बेचने को मजबूर हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मंडी का निर्माण अधूरा है और जल्दबाजी में इसका उद्घाटन कर दिया गया।
इस स्थिति को लेकर आदिवासी नेता विवेक कोल ने सरकार और जिला प्रशासन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह मंडी ग्रामीण किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए बनी थी, लेकिन मौजूदा हालात में वे ही सबसे ज्यादा नुकसान झेल रहे हैं।
नगर पालिका सीएमओ मिनी अग्रवाल ने भी मंडी की समस्या को स्वीकारते हुए कहा कि जब तक नई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार नहीं हो जाती, तब तक सुधार कार्य शुरू नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री के हाथों लोकार्पित मंडी की यह हालत यह सवाल खड़ा करती है कि क्या विकास कार्यों की गुणवत्ता की पर्याप्त जांच नहीं की गई? करोड़ों की लागत और सरकार की मौजूदगी के बावजूद जनता की ज़मीन पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।