किसान ने यूट्यूब से देखकर बनाया गोबर गैस, घर का खाना पकाने के लिए हो रहा उपयोग

Cowdung Gas : दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत गढ़ोलाखाड़े में एक किसान ने यूट्यूब से गोबर गैस बनाना सीखा और घर में ही गोबर गैस प्लांट लगा दिया। आज इस प्लांट से निकलने वाली गैस का इस्तेमाल उनके घर में खाना पकाने के लिए किया जाता है। किसान कमल सिंह लोधी का परिवार चूल्हा जलाने के लिए एलपीजी नहीं बल्कि गैस पर निर्भर है। किसान ने अपने मवेशियों के गोबर से चूल्हा जलाने की व्यवस्था की है। उन्होंने अपने बेटों के साथ मिलकर यूट्यूब पर गोबर गैस प्लांट बनाना सीखा और घर पर ही इसे बना लिया। अब उसी गैस से घर में खाना पका रहे हैं।

गैस के अलावा, गोबर गैस संयंत्र जैविक उर्वरक भी प्रदान करते हैं, जो फसलों के लिए जीवन रेखा के रूप में कार्य करते हैं। इसके निर्माण के दौरान एक ओवरफ्लो पाइप डाला जाता है, जब टैंक गोबर से भर जाता है तो वह इस पाइप के माध्यम से जैविक खाद के रूप में बाहर निकलने लगता है। नाइट्रोजन की मात्रा के कारण यह फसलों के लिए फायदेमंद है। हमारे 20 लोगों के परिवार का खाना इस संयंत्र से निकलने वाली गैस पर पकाया जाता है और अभी भी गैस बची हुई है। इस गोबर गैस की कीमत करीब 40 से 50 हजार रूपये है।

बटियागढ़ के कृषि अधिकारी दिनेश पटेल ने बताया कि किसान कमल सिंह लोधी नई तकनीक अपना रहे हैं। उन्होंने अपने पैसे से घर में गोबर गैस प्लांट लगाया, कोई सरकारी मदद नहीं मिली। हमने गोबर गैस प्लांट भी देखा और अब इस प्लांट से निकलने वाली गैस पर खाना पकाया जा रहा है। बटियागढ़ क्षेत्र के किसानों को नई तकनीक अपनानी चाहिए।

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