हाईकोर्ट ने आरटीओ पर लगाया पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जी एस अहलूवालिया की एकलपीठ ने जिला पंचायत सदस्य की अनुशंसा पर जारी परमिट पर रोक लगा दी। आदेश के बावजूद भी रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर आरटीओ नर्मदापुरम पर पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना लगाई है।
नर्मदापुरम के मोहम्मद इकबाल के आवेदन में कहा गया है कि अस्थायी परमिट आरटीए सचिव-आरटीओ नर्मदापुरम द्वारा जारी किया गया था। यह भी कहा गया है कि जिला पंचायत सदस्य की अनुशंसा पर अस्थायी अनुमति दी गयी थी। मोटर वाहन अधिनियम के निर्धारित प्रावधानों के अनुसार किसी भी जन प्रतिनिधि या राजनीतिक व्यक्ति को परमिट के संबंध में अनुशंसा करने का अधिकार नहीं है।
पंचम चंद्र बनाम हिमाचल राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में मुख्यमंत्री के आदेश पर जारी की गई अनुमति को अवैध घोषित कर दिया था। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। 30 जून तक परमिट का आदेश दिया गया था लेकिन परमिट 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई। जिससे स्पष्ट है कि अस्थायी परमिट जारी करने में भारी अनियमितता बरती गयी है।