मध्यप्रदेश

छह महिला सिविल जजों की बर्खास्तगी में से चार के बर्खास्त को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चार निलंबित महिला सिविल जजों को बहाल कर दिया गया है। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में सरकार द्वारा छह महिला सिविल जजों की बर्खास्तगी पर स्वत: संज्ञान लिया था। जिस पर अदालत ने राज्य सरकार और उच्च न्यायालय रजिस्ट्री को भी नोटिस जारी किया और हटाए गए न्यायिक अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने मंगलवार को छह महिला न्यायिक अधिकारियों में से चार के बर्खास्त को रद्द करने का फैसला किया है।

पीठ के मुताबिक एक अगस्त को हाई कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में चार न्यायिक अधिकारियों के बर्खास्तगी आदेश को रद्द करने का फैसला लिया गया। उन्हें बिना किसी बकाया वेतन के एक वर्ष की परिवीक्षा के साथ सिविल जज जूनियर डिवीजन में तैनात किया जाएगा। अधिवक्ता तन्वी दुबे ने कहा, “बहाल किए गए न्यायिक अधिकारियों को उनके संबंधित बैचों के नीचे रखा जाएगा और उनकी पुष्टि के बाद, उन्हें उनकी मूल वरिष्ठता वापस मिल जाएगी।”

जिन न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी के आदेश रद्द किए गए हैं उनमें ज्योति वरखड़े, सोनाक्षी जोशी, प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी शामिल हैं। अन्य दो महिला अधिकारियों के संबंध में हाई कोर्ट रजिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनकी बर्खास्तगी को पलटा नहीं गया है। अन्य विवरण सीलबंद लिफाफे में दर्ज हैं। इससे पहले पीठ ने नोटिस जारी करते हुए आदेश में कहा कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने रिट याचिका के रूप में दायर मामले का संज्ञान लिया।

समाचार

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