Banks Closed: देशभर में बैंक कर्मियों के नौ संगठनों ने 24 और 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। इस हड़ताल में सार्वजनिक, निजी, विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण और सहकारी बैंकों के आठ लाख से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे। इससे मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में बैंकिंग सेवाएं बाधित होने की आशंका है।
क्यों हो रही है हड़ताल?
बैंक कर्मियों के संगठनों ने कई मांगों को लेकर यह फैसला लिया है, जिनमें शामिल हैं।
1. रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति – पिछले 11 वर्षों में सार्वजनिक बैंकों में 1.39 लाख से अधिक पद खाली हो चुके हैं, जिससे ग्राहकों को संतोषजनक सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
2. अस्थायी कर्मियों का नियमितीकरण – बैंकों में अस्थायी कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है, जिससे उनकी नौकरी असुरक्षित बनी हुई है।
3. आउटसोर्सिंग बंद करने की मांग – स्थायी नौकरियों को ठेके पर देने की प्रथा बंद करने की जरूरत है ताकि कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रहे।
4. सुरक्षा की मांग – कम स्टाफ और बढ़ते कार्यभार के कारण ग्राहकों और बैंक कर्मियों के बीच विवाद की घटनाएं बढ़ रही हैं। कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई है।
5. सप्ताह में पांच दिन काम – बैंक कर्मी सप्ताह में केवल पांच दिन काम करने की सुविधा चाहते हैं, जिससे उनकी कार्य-जीवन संतुलन बना रहे।
6. परफॉर्मेंस रिव्यू और पीएलआई नियमों में बदलाव – सरकार द्वारा किए गए हालिया बदलावों से बैंक कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है, जिससे उनमें असंतोष बढ़ रहा है।
7. ग्रेच्युटी सीमा में बढ़ोतरी – सरकारी कर्मचारियों की तरह बैंक कर्मियों के लिए भी ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने की मांग की गई है।
मध्यप्रदेश कर्मचारियों के लिए बड़ी मुसीबत,फंस सकता है एरियर का पैसा,अब राशि मिलना मुश्किल
कैसे पड़ेगा असर?
अगर यह हड़ताल होती है, तो इन दो दिनों में बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से ठप हो सकती हैं। नकद जमा, निकासी, चेक क्लियरेंस, लोन अप्रूवल जैसी सेवाओं पर असर पड़ेगा।
क्या मिलेगा कोई समाधान?
बैंक यूनियनों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे विरोध जारी रखेंगे। सरकार और बैंक प्रशासन के साथ वार्ता के बाद ही इस मुद्दे का समाधान निकल सकता है।
यदि आप बैंकिंग सेवाओं से जुड़े हैं, तो पहले से जरूरी काम निपटा लें ताकि हड़ताल के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो।