अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ नीति की घोषणा कर दी है, जिससे वैश्विक व्यापार में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। इस नीति के तहत अमेरिका उन देशों पर समान आयात शुल्क लगाएगा जो अमेरिकी सामानों पर ऊंचा टैरिफ लगाते हैं। इसका असर न केवल व्यापार और अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बल्कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और जेब पर भी सीधा प्रभाव डालेगा। आइए, जानते हैं इसके भारत पर पड़ने वाले 10 बड़े असर—
1. दवाएं होंगी महंगी
भारत हर साल अमेरिका को करीब 12.7 अरब डॉलर की जेनेरिक दवाएं निर्यात करता है। अगर इन पर ज्यादा शुल्क लगाया गया तो भारतीय दवा कंपनियों की लागत बढ़ेगी और इसका असर भारत में भी दवाओं की कीमतों पर पड़ेगा। इससे आपकी मेडिकल खर्च की योजना प्रभावित हो सकती है।
2. खाद्य तेल और कृषि उत्पाद होंगे महंगे
खाद्य तेल जैसे नारियल और सरसों तेल पर अतिरिक्त टैरिफ लग सकता है, जिससे इनकी कीमतें बढ़ेंगी। इससे रसोई का बजट बिगड़ सकता है और किसानों की आय भी प्रभावित हो सकती है।
3. डेयरी उत्पादों की कीमत में इजाफा
घी, मक्खन और दूध पाउडर जैसे उत्पादों पर 38.23% टैरिफ बढ़ने की आशंका है। इससे निर्यात प्रभावित होगा, जिससे भारतीय बाजार में कीमतें थोड़ी सस्ती हो सकती हैं, लेकिन किसानों की कमाई घटने से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
4. आभूषण खरीदना होगा सस्ता या महंगा
भारत अमेरिका को 11.88 अरब डॉलर के सोने, चांदी और हीरे निर्यात करता है। 13.32% टैरिफ बढ़ने से ये अमेरिका में महंगे होंगे, लेकिन भारत में सस्ते हो सकते हैं। इसका सीधा असर आपकी आभूषण खरीदने की योजना पर पड़ेगा।
5. कपड़े और टेक्सटाइल होंगे महंगे
भारत का टेक्सटाइल उद्योग अमेरिका पर काफी निर्भर है। टैरिफ बढ़ने से कपड़ों और वस्त्रों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे आपके वार्डरोब का बजट बढ़ सकता है।
6. ऑटोमोबाइल पार्ट्स की कीमतें बढ़ेंगी
ऑटो सेक्टर पर टैरिफ बढ़ने से गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स महंगे होंगे। इसका असर नई गाड़ियों की कीमतों और मरम्मत के खर्च पर पड़ेगा, जिससे आपकी जेब पर भार बढ़ेगा।
7. इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी होगी महंगी
टीवी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी असर पड़ेगा। टैरिफ बढ़ने से इनकी कीमतें बढ़ेंगी, जिससे आपका घरेलू बजट प्रभावित होगा।
8. रुपये की कमजोरी और महंगाई
अगर निर्यात घटता है तो भारत का व्यापार घाटा बढ़ सकता है, जिससे रुपया कमजोर होगा। इससे आयातित सामान महंगा होगा और महंगाई बढ़ेगी, जिससे आपकी खर्च करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
9. नौकरियों पर संकट
टेक्सटाइल, फार्मा और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों में निर्यात कम होने से नौकरियों पर असर पड़ेगा। अगर आप इन सेक्टरों से जुड़े हैं, तो आय में गिरावट आ सकती है।
10. आईटी और फार्मा सेक्टर पर दबाव
भारत का आईटी और फार्मा सेक्टर अमेरिका पर निर्भर है। अगर टैरिफ बढ़ता है तो इनकी कमाई घट सकती है, जिससे छंटनी का खतरा बढ़ जाएगा।