UPI प्रोत्साहन योजना: व्यापारियों को 2,000 रुपये तक के पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर मिलेगा 0.15% इंसेंटिव

UPI प्रोत्साहन योजना: केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। यह योजना 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी और सरकार इसके तहत करीब 1,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों को रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई के जरिए किए गए 2,000 रुपये तक के पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेनदेन पर 0.15% प्रोत्साहन मिलेगा।

पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) UPI लेनदेन क्या है? (यूपीआई प्रोत्साहन योजना)

पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेनदेन से तात्पर्य तब होता है जब कोई ग्राहक UPI के माध्यम से किसी व्यापारी को भुगतान करता है। यह योजना 1 अप्रैल 2021 से लागू हुई और इसका उद्देश्य RuPay डेबिट कार्ड को बढ़ावा देना है। इस निर्णय का वैश्विक भुगतान कंपनियों वीज़ा और मास्टरकार्ड पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

व्यापारियों को प्रोत्साहन कैसे मिलेगा? (यूपीआई प्रोत्साहन योजना)

20,000 करोड़ लेनदेन का लक्ष्य (UPI प्रोत्साहन योजना)

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक 20,000 करोड़ लेनदेन पूरा करना है। इसके अलावा छोटे शहरों और गांवों में भी यूपीआई का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

इससे पहले, RuPay और BHIM-UPI डेबिट कार्ड लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को शून्य कर दिया गया था। अब, यह नई प्रोत्साहन योजना व्यापारियों को यूपीआई भुगतान स्वीकार करने के लिए और अधिक प्रोत्साहित करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “UPI पेमेंट दुकानदारों के लिए आसान, सुरक्षित और तेज़ है. साथ ही, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सीधे उनके बैंक खाते में पैसा पहुंचता है।”

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