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अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना क्या है? जाने पात्रता, उद्देश्य और आवेदन प्रक्रिया…

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना विभिन्न राज्यों में जातिगत भेदभाव को कम करने और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है। यहाँ इस योजना की मुख्य विशेषताएँ और लाभ दिए गए हैं:

मध्य प्रदेश की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना

  • लाभार्थी: इस योजना का लाभ उन नवविवाहित जोड़ों को मिलता है, जिनमें एक सदस्य सवर्ण/पिछड़ा वर्ग का और दूसरा अनुसूचित जाति का हो।

  • प्रोत्साहन राशि: प्रति दम्पति 2 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो संयुक्त बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।

  • पात्रता:

    • विवाह के एक वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।

    • विवाह का पंजीकरण हिन्दू मेरिज एक्ट 1955 के तहत होना चाहिए।

  • आवेदन प्रक्रिया: आवेदकों को निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों के साथ कलेक्टर या सहायक आयुक्त को आवेदन प्रस्तुत करना होगा।

बिहार की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना

  • लाभार्थी: बिहार में यह योजना उन जोड़ों के लिए है जो अंतरजातीय विवाह करते हैं।

  • प्रोत्साहन राशि:

    • सामान्य जोड़ों को 1 लाख रुपये मिलते हैं।

    • दिव्यांग जोड़ों को 3 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है।

  • पात्रता:

    • आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए।

    • लड़के की उम्र कम से कम 21 वर्ष और लड़की की 18 वर्ष होनी चाहिए।

  • आवेदन प्रक्रिया: ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। लाभार्थियों को 60 दिनों के भीतर सहायता राशि प्राप्त होगी।

उत्तर प्रदेश की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना

  • लाभार्थी: यह योजना उन जोड़ों के लिए है जो अंतरजातीय विवाह करते हैं।

  • प्रोत्साहन राशि: प्रति दम्पति 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, साथ ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर फंड के तहत 2.5 लाख रुपये भी दिए जाते हैं।

  • पात्रता:

    • आवेदकों को उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।

  • आवेदन प्रक्रिया: आवेदन फॉर्म डाउनलोड करके सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ समाज कल्याण विभाग में जमा करना होता है।

राजस्थान की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना

  • लाभार्थी: अनुसूचित जाति के युवक/युवतियों द्वारा सवर्ण हिन्दू से विवाह करने वाले जोड़े।

  • प्रोत्साहन राशि: अब यह राशि बढ़ाकर प्रति युगल 10 लाख रुपये कर दी गई है, जिसमें से 5 लाख रुपये आठ वर्षों के लिए रखे जाते हैं।

  • आवेदन प्रक्रिया: अभ्यर्थियों को विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करना और सभी जातियों के बीच समानता को बढ़ावा देना है।

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना उद्देश्य

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में जातीय भेदभाव को कम करना और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत, जो लोग विभिन्न जातियों से संबंधित होकर विवाह करते हैं, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने जीवन की शुरुआत में आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

  • जातीय भेदभाव का उन्मूलन
  • आर्थिक सहायता
  • सामाजिक सुरक्षा
  • जागरूकता फैलाना

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