बीजेपी अध्यक्ष की रेस: कौन होगा अगला राष्ट्रीय चेहरा? जल्द तय होगा नेतृत्व
बीजेपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश तेज़, धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह और मनोहर लाल खट्टर रेस में आगे, जल्द शुरू होगी आधिकारिक प्रक्रिया।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में जल्द ही बड़े बदलाव की बयार बहने वाली है। पार्टी अब संगठनात्मक स्तर पर फोकस करते हुए नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की ओर बढ़ रही है। भले ही पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक नाम सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जून के मध्य तक इस प्रक्रिया की शुरुआत हो सकती है।
उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ संकेत
हाल ही में उत्तर प्रदेश में 70 नए जिला अध्यक्षों की घोषणा ने इस अटकल को और तेज कर दिया है कि अब केंद्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर भी फैसला लेने की दिशा में है। हालांकि, पहलगाम में हुए आतंकी हमले की वजह से यह प्रक्रिया कुछ समय के लिए धीमी हो गई थी।
राज्यों में भी होंगे बदलाव
राष्ट्रीय अध्यक्ष से पहले पार्टी कुछ बड़े राज्यों—उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड—में प्रदेश प्रभारी और अध्यक्षों में बदलाव करने की योजना बना रही है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए पहले ब्राह्मण नेता की नियुक्ति की गई थी, लेकिन ओबीसी नेताओं की मांग को देखते हुए अब समीकरण बदल सकता है।
मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में नई रणनीति
मध्य प्रदेश में वर्तमान समीकरण (मुख्यमंत्री—ओबीसी, अध्यक्ष—ब्राह्मण) ने बीजेपी को काफी राजनीतिक फायदा पहुंचाया है, लेकिन अब पार्टी आदिवासी नेतृत्व को प्राथमिकता दे सकती है। वहीं उत्तराखंड में ब्राह्मण नेता प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे हैं, लेकिन पार्टी का फाइनल फैसला अभी बाकी है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए टॉप 3 नाम
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए तीन प्रमुख नाम चर्चा में हैं:
1. धर्मेंद्र प्रधान – ओडिशा से आने वाले यह ओबीसी नेता संगठन और केंद्रीय नेतृत्व से करीबी रखते हैं। संगठनात्मक अनुभव और क्षेत्रीय संतुलन इनके पक्ष में हैं।
2. शिवराज सिंह चौहान – मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री हैं। जमीन से जुड़े नेता और जनप्रिय चेहरा माने जाते हैं।
3. मनोहर लाल खट्टर – हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और अब केंद्रीय मंत्री हैं। प्रशासनिक अनुभव और संगठनात्मक समझ उन्हें मज़बूत दावेदार बनाते हैं।
जेपी नड्डा का कार्यकाल हो रहा समाप्त
वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2020 में शुरू हुआ था और उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक्सटेंशन मिला था। अब पार्टी को यह तय करना है कि नड्डा को फिर से मौका मिलेगा या कोई नया चेहरा सामने आएगा।
जल्द ही पार्टी केंद्रीय चुनाव समिति का गठन कर सकती है, जो अध्यक्ष पद के लिए नामांकन, स्क्रूटनी और आवश्यकता पड़ने पर वोटिंग की प्रक्रिया देखेगी।
भाजपा उस नेता को आगे लाने की तैयारी में है, जो संगठनात्मक रूप से मजबूत हो, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साध सके और 2029 तक पार्टी को मजबूती से आगे ले जाए। अब देखना यह है कि पार्टी अनुभवी नेता को चुनती है या किसी नए चेहरे को मौका देती है।