मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने जमीन के एक मामले में कलेक्टर को पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन कलेक्टर खुद पेश नहीं हुए और उन्होंने एडीएम को पत्र भेजा, जिस पर हाईकोर्ट जज ने नाराजगी जताई।
हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने कहा कि कोई अधिकारी सिर्फ सरकारी वकील के जरिए ही कोर्ट में अपनी बात रख सकता है। इस तरह पत्र सीधे जज को नहीं भेज सकता। जज अहलूवालिया ने पूछा कि आदेश के बावजूद कलेक्टर कोर्ट में पेश क्यों नहीं हुए?
हाई कोर्ट जस्टिस ने चिट्टी लेकर आए एडीएम पर भी नाराजगी जताई और कहा कि “एडिशनल कलेक्टर हैं तो उन्हें लगता था कि मेरी कलेक्टर हैं ये तो कुछ भी कर सकती हैं। मजाक बनाकर रखा हुआ है। जब डिप्टी एडवोकेट जनरल कलेक्टर की तरफ से बात कर रहा है और वो पीछे खड़े होकर मुझे कलेक्टर लेटर दिखा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “सीधे सस्पेंड करने का निर्देश देता हूं, फिर देखता हूं कि कैसे सीएस उसे रिमूव करते हैं। आप लोगों के अफसरों की इतनी हिम्मत बढ़ गई है कि आपको कुछ समझ नहीं आता। एडीएम समझते हैं कि अगर हाई कोर्ट जज को कलेक्टर ने लेटर लिख दिया तो सब कुछ हो गया।”
अब इस संबंध में कलेक्टर सोनिया मीना ने कहा कि वे 1 अगस्त से पचमढ़ी में होने वाले नागद्वार यात्रा और मेले की तैयारी कर रही हैं। एडीएम से बात करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।