दुनिया का पहला 6G चिप: चीन की बड़ी उपलब्धि, इंटरनेट होगा 5000 गुना तेज!
ऑल-फ्रीक्वेंसी कवरेज: लो-फ्रीक्वेंसी से लेकर टेराहर्ट्ज़ (THz) तक सभी वायरलेस बैंड को कवर करने वाला पहला चिप।

चीन के वैज्ञानिकों ने पेकिंग यूनिवर्सिटी और हॉन्गकॉन्ग की सिटी यूनिवर्सिटी के सहयोग से दुनिया का पहला 6G फोटोनिक-इलेक्ट्रॉनिक फ्यूजन चिप तैयार किया है। यह माइक्रो-चिप आकार में केवल 11mm x 1.7mm की है, लेकिन इसकी क्षमता अद्भुत है।
यह 0.5 GHz से 115 GHz तक की सभी फ्रिक्वेंसी पर काम कर सकती है और 100GB प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा ट्रांसफर करने में सक्षम है। यानी, 50GB की 8K मूवी कुछ ही सेकंड में डाउनलोड हो सकती है।
इस चिप की खासियतें
ऑल-फ्रीक्वेंसी कवरेज: लो-फ्रीक्वेंसी से लेकर टेराहर्ट्ज़ (THz) तक सभी वायरलेस बैंड को कवर करने वाला पहला चिप।
5000 गुना तेज स्पीड: मौजूदा 5G से कई हजार गुना ज्यादा ट्रांसमिशन क्षमता।
स्मार्ट नेटवर्किंग: इन-बिल्ट AI सिस्टम, जो नेटवर्क और माहौल के हिसाब से खुद को एडजस्ट करता है।
सेल्फ-फ्रिक्वेंसी नेविगेशन: इंटरफेरेंस वाली जगहों पर खुद-ब-खुद सही चैनल चुनकर सिग्नल को बेहतर बनाता है।
ग्रामीण इंटरनेट की नई उम्मीद
यह तकनीक सिर्फ स्पीड तक सीमित नहीं है। 6G चिप गांव-गांव तक अल्ट्रा-फास्ट ब्रॉडबैंड पहुंचाने में सक्षम है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और डिजिटल कारोबार में बड़ा बदलाव आएगा।
भारत और दुनिया पर असर
चीन की यह खोज वैश्विक स्तर पर 6G रेस में उसे आगे ले गई है। भविष्य में भारत समेत अन्य देशों के साथ तकनीकी साझेदारी की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। इस तकनीक से स्मार्ट सिटीज़, AI नेटवर्किंग, वर्चुअल रियलिटी और ऑटोमेटेड इंडस्ट्री में नई क्रांति की शुरुआत होगी।
चीन का 6G चिप केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय में दुनिया की इंटरनेट और संचार व्यवस्था को पूरी तरह बदलने वाला कदम साबित हो सकता है।