दो भाई नासिक गए कमाने वापस लौटी लाश। कंपनी ने परिजनों को बीमारी का हवाला देकर धोखे में रखा

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बीमारी का बहाना कर परिजनों को बुलाया, सौंप दी लाश:रीवा के दो श्रमिकों की संदिग्ध परिस्थितियों में नासिक में मौत, चंदा कर लाया गया शव

 

रीवा जिले के दो श्रमिकों की महाराष्ट्र के नासिक शहर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। सूत्रों की मानें तो नईगढ़ी थाना अंतर्गत बिठवा भदाबाल गांव के दो युवक रोजी रोटी के लिए नासिक शहर की एक कंपनी में काम करते थे। जिनकी दो दिन पहले घरेलू गैस सिलेंडर ब्लास्ट से मौत हो गई।

आरोप है कि कंपनी के जिम्मेदार दोनों युवकों के बीमारी होने का हवाला देकर नासिक बुलवाया। वहां पहुंचने पर दोनों की लाश सौंप दी। जबकि परिजनों के पास शव लेकर जाने के लिए रुपए नहीं थे। ऐसे में सभी रिश्तेदारों को फोन कर चंदा किया। तब कहीं जाकर लाश रीवा जिले के लिए रवाना की गई।

अगस्त क्रांति मंच के संयोजक कुंजबिहारी तिवारी ने बताया कि बीते दिन कृष्णचंद्र साकेत और दीप नारायण साकेत रोजी रोटी के लिए नासिक में रहते थे। चर्चा है कि कंपनी में कार्य करते हुए दोनों की मौत हो गई। लेकिन कंपनी के जिम्मेदार घरेलू गैस सिलेंडर ब्लास्ट का हवाला देकर मौत बता दी।

वहीं परिजनों को धोखे में रखकर नासिक बुलाया। फिर वहां पर जबरदस्ती शव को सौंप दी। गरीब परिवार के पास शव वाहन के पैसे नहीं थे। ऐसे में चंदा कर किसी तरह परिजन वाहन किए। तब लाश गृह ग्राम पहुंची है। जहां गुरुवार की दोपहर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इस पूरे मामले में अब संबंधित कंपनी की जानकारी एकत्र की जाएगी। साथ ही नईगढ़ी थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की जाएगी। क्योंकि कंपनी के जिम्मेदारों ने मानवता नहीं दिखाई है। बल्कि परिजनों को भींख मांगने के लिए मजबूर कर दिए है।

वहीं जिस घर में दोनों युवक किराये का मकान लेकर रहते थे। वहां के मकान मालिक ने भी सच्चाई छिपाई है। दावा किया कि दोनों मृतक अपने परिवार के जिम्मेदार थे। लेकिन मौत के बाद परिवार रोड पर आ गया है। ऐसे में क्षेत्र के सामाजिक संगठनों ने पांच-पाच हजार की अंत्येष्टि सहायता घर जाकर सौंपी है।

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