गुना में तीन नाबालिगों की हत्या का मामला आरोपी मां को हुई उम्रकैद पढ़िए पूरा मामला 

गुना में तीन नाबालिगों की हत्या का मामला आरोपी मां को हुई उम्रकैद पढ़िए पूरा मामला 

गुना के बहुचर्चित ट्रिपल मर्डर हत्याकांड में अदालत ने आरोपी मां को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। अगस्त महीने में अदालत ने नाबालिग (अब बालिग) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वर्ष 2017 में एक नाबालिग ने सिलसिलेवार तीन हत्याएं कर दीं थीं। इसमे उसकी मां और दोस्त ने भी साथ दिया था। तीनों हत्याएं अलग-अलग दिनों में हुईं थी। एक हत्या का राज छुपाने के लिए दो और हत्याएं की गईं। पांच वर्ष बाद इस मामले में फैसला आ गया है। कोर्ट ने उसकी मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले अगस्त में नाबालिग आरोपी (अब बालिग) को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। यह ऐसा मामला था,

पहले पुलिस का मानना था इन हत्याओं के पीछे इनके दोस्त लोकेश लोधा का हाथ है, लेकिन लोकेश की भी जली हुई लाश मिलने के बाद पुलिस की थ्योरी बदल गई। लोकेश के बाद ऋतिक का भी शव मिलने के बाद पुलिस को पता चला कि हेमंत की भी हत्या की गई है। इस बीच पूनम के कैरेक्टर की पड़ताल की गई तो वह भी संदिग्ध लगी। ऋतिक का शव मिलने के बाद आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई 

गुना के बहुचर्चित ट्रिपल मर्डर हत्याकांड में अदालत ने आरोपी मां को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। अगस्त महीने में अदालत ने नाबालिग (अब बालिग) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वर्ष 2017 में एक नाबालिग ने सिलसिलेवार तीन हत्याएं कर दीं थीं। इसमे उसकी मां और दोस्त ने भी साथ दिया था। तीनों हत्याएं अलग-अलग दिनों में हुईं थी। एक हत्या का राज छुपाने के लिए दो और हत्याएं की गईं। पांच वर्ष बाद इस मामले में फैसला आ गया है। कोर्ट ने उसकी मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले अगस्त में नाबालिग आरोपी (अब बालिग) को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। यह ऐसा मामला था, जब तीन सिलसिलेवार हत्याओं से पूरा शहर दहल उठा था।

क्या था पूरा मामला, सिलसिलेवार पढ़िए 

इस पूरी कहानी की शुरुआत उस समय हुई, जब सिंचाई विभाग में पदस्थ ऑफिस अधीक्षक अंतर सिंह मीना का इकलौता बेटा 17 वर्षीय हेमंत साजिश का शिकार हुआ। वह घर से सेकंड-हैंड बाइक खरीदने के लिए 40 हजार रुपए लेकर निकला, इसके बाद लापता हो गया। दूसरे दिन ही पिता ने महिला पूनम दुबे और उसके नाबालिग बेटे पर शक जताया। पिता ने बताया कि उनका बेटा अपने दोस्त के साथ पैसे लेकर निकला था। पुलिस ने पिता की शिकायत पर गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की।

सावधान इंडिया से आया मर्डर का आइडिया 

सभी एंगल से जांच में जुटी पुलिस तब चौकन्नी हुई, जब हेमंत की फिरौती का फोन आया। दरअसल, हेमंत से उसके नाबालिग दोस्त हनी दुबे ने ही दगा किया। मां पूनम और एक अन्य नाबालिग साथी की मदद से हेमंत से 40 हजार रुपए छीन लिए और उसकी गला और हाथ काटकर हत्या कर दी। सबूत मिटाने के लिए शव को जला दिया। इसके बाद पूनम ने उसके दोस्त लोकेश और ऋतिक को लालच दिया कि किसी को कुछ नहीं बताना, फिरौती की रकम में से तुम्हारा भी हिस्सा रहेगा। मृतक हेमंत का मोबाइल ऋतिक को दिया और उससे कहा कि गुना से दूर इंदौर जाकर हेमंत के पिता अंतर सिंह को धमकी देना कि तुम्हारा बेटा हमारे कब्जे में हैं और उससे पचास लाख की फिरौती की बात करना, ताकि पुलिस का ध्यान गुना से हटकर इंदौर पर चला जाए। सबूत मिटाने और पुलिस तफ्तीश को भटकाने का आइडिया हत्यारों को सावधान इंडिया के शो से आया था।

इंदौर से कराया फोन, हिस्सा मांगा तो दोनों दोस्तों को मार डाला 

इंदौर जाकर ऋतिक ने हेमंत के फोन से 50 लाख की फिरौती मांगी तो पिता ने मैसेज से हां कर दी। वह पुलिस के पास पहुंचा तो लोकेशन ट्रैस पर पुलिस उसे लेकर इंदौर पहुंच गई। इसी बीच ऋतिक गुना आ गया। उसका विवाद लोकेश से हो गया। लोकेश कहने लगा की मुझे फिरौती में अपना हिस्सा अभी चाहिए, नहीं तो सारी कहानी पुलिस को बता दूंगा। इसके बाद पूनम का नाबालिग बेटा और एक अन्य दोस्त लोकेश को एक्टिवा पर बिठाकर नेगमा के जंगल में ले गए। वहां लोकेश की भी हत्या कर उसके शव को जला दिया। चूंकि ऋतिक दो हत्याओं के बारे में जान चुका था, इसलिए उसे भी रास्ते से हटाने के लिए मार डाला।

ऐसे हुई ऋतिक की पहचान 

27 मई 2017 की सुबह 07:30 बजे फरियादी मिंटू पैदल चलकर रेलवे पटरी से ईटों की लेबर लेने पटेल नगर आ रहा था। जैसे ही वह पटेल नगर रेलवे ट्रेक की पुलिया के पास आया तो देखा कि पुलिया के नीचे भीड लगी है। वह पुलिया के नीचे आया और देखा कि एक अज्ञात व्यक्ति की अधजली लाश पडी है। जिसकी सूचना 100 नम्बर पर दी। किसी अज्ञात व्यक्ति ने मृतक के मूंह पर कपडा बांधकर मारपीट कर आग लगाकर हत्या की और पहचान छुपाने की कोशिश की। पुलिस ने मर्ग कायम किया। जांच के दौरान आधार कार्ड रितिक नामदेव का रखा मिला तथा लाश की शिनाख्तशगी की कार्यवाही कराई गई।

लोकेश की लाश मिलने के बाद बदली पुलिस की थ्योरी 

पहले पुलिस का मानना था इन हत्याओं के पीछे इनके दोस्त लोकेश लोधा का हाथ है, लेकिन लोकेश की भी जली हुई लाश मिलने के बाद पुलिस की थ्योरी बदल गई। लोकेश के बाद ऋतिक का भी शव मिलने के बाद पुलिस को पता चला कि हेमंत की भी हत्या की गई है। इस बीच पूनम के कैरेक्टर की पड़ताल की गई तो वह भी संदिग्ध लगी। ऋतिक का शव मिलने के बाद आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो इन लोगों ने तीन युवाओं की एक के बाद एक हत्या करना कबूल कर लिया। पूनम, उसके पुत्र और दोस्त को आरोपी बनाया गया। इन्होंने कबूल किया कि हेमन्त जिस दिन लापता हुआ था, उसी दिन 40 हजार रुपए छीन लिए थे।

पूनम ने बेटे के दोस्त को फंसाया 

गुना पुलिस के मुताबिक पूनम ने सबसे पहले अपने बेटे के दोस्त हेमंत को फंसाया था। वह उसके घर से जेवर और पैसे भी मंगवाने लगी। हेमंत की मां के झुमके भी उसने ज्वैलर्स राकेश सोनी के यहां 25 हजार रुपए में गिरवी रख दिए थे। इन्हें पुलिस ने जब्त किया। पुलिस के अनुसार आरोपी पूनम के हेमंत के साथ अच्छी दोस्ती थी। यह बात उसके बेटे को नागवार गुजर रही थी और हेमंत की मौत का एक कारण भी बनी। पूनम ने पुलिस को बताया कि हेमंत की हत्या होने के बाद इसका राज खुल न जाए, इसी कारण से उसके दो और दोस्त को ठिकाने लगाया गया था।

पूनम को उठाया तो हाई-प्रोफाइल लोग हुए सक्रिय 

पुलिस शुरू में इसे सामान्य केस मानकर चली। तत्कालीन टीआई आशीष सप्रे ने हनी दुबे और उसकी मां पूर्णिमा अग्रवाल उर्फ पूनम दूबे उर्फ पक्का से पूछताछ के लिए थाने बुलाया तो हाईप्रोफाइल लोगों से संबंधों के लिए चर्चित पूनम पक्का के बचाव में कई लोगों के फोन घनघनाने लगे। इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि हनी दुबे के दो दोस्त लोकेश लोधा और ऋतिक नामदेव भी लापता थे। 

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