सिंगरौली जिले में हो रहे अत्याचार के खिलाफ जयस संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री श्री अशोक सिंह पैगाम जी, कमलेश्वर सिंह कुशराम जिलाध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, जिला सचिव जगत बहादुर सिंह, जयस जिला मीडिया प्रभारी जीतेन्द्र सिंह, आईटी सेल जिलाध्यक्ष अशोक ओयाम,सूरज पानिका जिला मंत्री,राजकुमार सिंह जिला प्रचारक के अगुआई जिला संगठन के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता महिलाओं व पुरूष के साथ मिल कर पुलिस विभाग द्वारा गारीब, दलितों, आदिवासियों, के साथ हो रहे अन्याय के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही पुलिस विभाग द्वारा नहीं किया जाता हैं दिन प्रतिदिन आदिवासी और दलितों के साथ शोषण अत्याचार हो रहे हैं जिसका
निराकरण किसी भी चौकी एवं पुलिस थाना में उचित रूप से कार्यवाही नहीं हो रहा है जो निम्न विंदुयो पर आधारित घटना है।
1 पीड़ित जगमोहन सिंह निवासी ग्राम नौढीया सरई के साथ मारपीट हुआ अभी तक ठोस कोई कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं किया गया। यह घटना 28/07/2022 को हुआ था जिसका सूचना सरई थाना एवं एसपी कार्यालय बैढ़न में दिया गया।
2 मान सिंह निवासी ग्राम हरदी साथ जिसके ऊपर जान लेवा हमला किया गया। इसका सूचना 12/8/2022 को पुलिस चौकी निवास में दिया गया। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं गया।
3 छोटेलाल बिहार के साथ थाना प्रभारी बरगंवा आर, पी, सिंह वर्मा के द्वारा अभद्रता शब्दों का प्रयोग किया गया एवं जिन्दा गाड देनी की धमकी दी गई जो अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गुंडागर्दी किया गया। जिसका सूचना एसपी ऑफिस बैढ़न को दिनांक 22/8/2022 को दिया गया अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया गया।
4 निगरी पुलिस चौकी व निवास प्रभारी के द्वारा पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत अवैध कारोबार हो रहा है जनता त्रस्त व परेशान है हर गली मोहल्ले चौक चौरहा पर अवैध शराब की बिक्री एवं बीयर बार खुला हुआ है जो अवैध रूप से संचालित हैं तथा गांव में कबाड की दुकानें खुलने के वजह से गांवों में चोरी बढ़ती जा रही है जनता दुखी हैं अमन चैन की नींद उड़ा दी है चोरों ने। महुआ वाली विना डिग्री शराब से आने वाला युवा पीढ़ी नशे के लत तबाह हो रहे हैं। एवं सभी अवैध उत्खनन माफियाओं के ऊपर चौकी प्रभारीयों का संरक्षण मिला हुआ है ऐसे पुलिस चौकी प्रभारी को तत्काल हटाया जाए।
इन सभी मुद्दों पर पर जयस संगठन के द्वारा पुलिस महानिदेशक के नाम एसपी आफिस में मांग पत्र सौंपा कर उचित कार्यवाही करने की अपेक्षा कि जाती हैं।
इन सभी विंदुयो पर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो जयस संगठन बाध्य होकर रोड पर उतर कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी जिसका जिम्मेदार शासन व प्रशासन की होगी।