प्रदेश की इस विधानसभा सीट से ‘ ऑटो वाला बना विधायक ‘ जानिए किस पार्टी ने दिया था टिकट

 

 

Sahu Saja vidhansabha: मध्य प्रदेश में एक झोपड़ी वाला विधायक बना तो इसी के तर्ज पर मध्य प्रदेश से सटे छत्तीसगढ़ में एक ऑटो रिक्शा वाला विधायक बन गया है। हाई प्रोफाइल नेताओं की होड़ में ईश्वर साहू ने पटकनी देते हुए जीत हासिल की। छत्तीसगढ़ के सबसे हाई प्रोफाइल सीट साजा से भाजपा प्रत्याशी ईश्वर साहू ने कांग्रेस के गद्दार नेता रविंद्र चौबे को 5,196 वोटो के अंतराल से हार का स्वाद चखाया और विधायक बने।

कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र चौबे राज्य सरकार में कृषि पंचायत और संसदीय मंत्री रहते हुए चुनाव में खड़े हुए, सात बार विधायक रहे रविंद्र कांग्रेस से टिकट पर इस बार नौवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन कक्षा पांचवी तक पढ़ाई करने वाले 42 वर्षी ईश्वर साहू ने पूरा गेम ही बिगाड़ दिया ईश्वर और उनका पूरा परिवार खेतिहर मजदूर है. चुनाव लड़ने तक जीवन यापन के लिए ईश्वर साहू नागपुर में सब्जी बेचने तथा रिक्शा चलाने का कार्य करते थे

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ईश्वर साहू को भाजपा ने बनाया था हिंदू का पोस्टर बॉय

विधानसभा चुनाव 2023 में कर साहू को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने पूरे प्रदेश में उनके चेहरे को हिंदुत्व का मुद्दा बनाया हुआ था और उसका असर चुनाव के परिणाम में भाजपा के पक्ष में दिखा अब पूरा परिवार और गांव वालों को उम्मीद है की राजनीति में ईश्वर साहू का कद और भी ऊंचा हो जाएगा

बेटे की सांप्रदायिक हिंसा में हुई थी मौत

8 अप्रैल 2023 को दो स्कूली छात्रों में साइकिल चलाने को लेकर मामूली विवाद हुआ था जिसमें एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम समुदाय से था. गांव में दोनों समुदाय के बीच पहले से ही अलग-अलग विवादों को लेकर कहां सुनी होती थी ऐसे में दो छात्रों के बीच इस छोटी विवाद में संप्रदाय के रूप ले लिया जिसमें ईश्वर साहू के 22 वर्षी बेटे भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद गांव का माहौल तनाव पूर्ण हुआ था भाजपा के नेतृत्व में हिंदूवादी संगठनों ने 10 अप्रैल को प्रदेश बंद करने का आवाहन किया था। इस दौरान गांव में बाहरी लोगों की भीड़ बढ़ती गई मुस्लिम बहुल गलियों में पत्थर बाजी हुई और इसी ही दिन मुस्लिम परिवार की एक झोपड़ी में आग लगा दी गई थी 11 अप्रैल की सुबह जानकारी लगी कि बिरनपुर गांव से ही कुछ दूरी पर एक खेत में 2 लोगों की डेथ बॉडी पड़ी है। पुलिस ने जांच कर पहचान की जिसमें पिता पुत्र रहीम मोहम्मद और ईद उल मोहम्मद के रूप में हुई इस दौरान यहां हिंसा में कुछ पुलिस वाले और पत्रकार भी घायल हुए थे

भाजपा ने की थी 11 लाख की सहायता

प्रशासन ने हालात सामान्य करने के लिए कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिए थे सरकार ने साहू के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा एवं परिवार के सदस्य को गवर्नमेंट नौकरी देने का ऐलान किया था, लेकिन परिवार ने उसे नहीं लिया इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने ईश्वर साहू की सहायता के नाम पर 11 लाख रुपए दिए। छत्तीसगढ़ में यह मौका था जब हिंदू मुसलमान विवाद इतनी बड़ी संप्रदाय एक हिस्सा में बदल गया था घटना की चर्चा देश में हो रही थी 15 दिन से अधिक क्षेत्र में गंभीर तनाव का माहौल बना रहा जिसका असर वक्त में नजर आया

ईश्वर साहू की कितनी है संपत्ति

ईश्वर साहू की संपत्ति को लेकर निर्वाचन आयोग के द्वारा जानकारी दी गई कि उनके पास कुल 11लाख 50 हजार 270 रुपए केस जिसमें से 11 लाख रुपए जो भाजपा के नेताओं ने उन्हें दिया था। जबकि पत्नी सती साहू के नाम पर ₹500000 की चल अंचल संपत्ति है। विधानसभा के चुनाव में 5000 वोटो से जीत हासिल करने वाले ईश्वर प्रदेश के सबसे गरीब विधायकों में से एक हैं

ईश्वर साहू के मां को नहीं पता विधायक क्या है?

जब मीडिया रिपोर्टर के द्वारा पूछा गया कि विधायक क्या होता?, है तब ईश्वर साहू की मां ने कहा कि हम गरीब लोग क्या जाने विधायक क्या है? उनके द्वारा कहा गया कि जैसे सरपंच लोगों के लिए काम करते हैं… तो मेरा बेटा भी वैसे ही कार्य करता है… रसोई में सब्जी बना रही ईश्वर के छोटे भाई की पत्नी लोकेश्वरी को भी नहीं पता कि विधायक का पद क्या होता है ,लेकिन वह कहती है कि जनता ने उनके साथ दिया वह भी जनता का साथ देंगे, ईश्वर साहू की मां कहती है मेरा बेटा विधायक बन गया इससे बड़ी क्या खुशी हो सकती है..

 

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