सिहावल

भीषण आग की आगोश में जला गरीब का आशियाना, जनप्रतिनिधियों की कोरी घोषणाओं की खुली पोल

भीषण आग की आगोश में जला गरीब का आशियाना, जनप्रतिनिधियों की कोरी घोषणाओं की खुली पोल

अमर द्विवेदी सिहावल। मार्च लगते ही गर्मी का समय शुरू हो गया है अब आए दिन कहीं न कहीं आगजनी की घटनाएं शुरू हो चुकी है ऐसे ही एक घटना सामने उभर कर आई है जहां रविवार की रात सिहावल तहसील मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुधमनिया पंचायत के ग्राम धुब्बार में उस वक्त अफरातफरी का माहौल निर्मित हो गया जब किसान रामअवतार पटेल के घर में अज्ञात कारणों से आग लग गई।

घर में रखी आवश्यक वस्तुएं हुई जलकर खाक

सिहावल पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित रामअवतार पटेल ने आवेदन पत्र देते हुए बताया है कि मेरे घर में रविवार की रात्रि 8 से 9 के बीच में अज्ञात कारणों से आग लग गई एवं देखते ही देखते आग के आगोश में पूरे घर को अपने चपेट में ले लिया जिसकी वजह से घर में रखी खाने-पीने की आवश्यक वस्तुएं कपड़े एवं अन्य सामग्रियां जलकर खाक हो गई।

कड़ी मशक्कत के बाद पाया जा सका आग पर काबू

जैसे ही आग की लपटें तेज हो गई ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास करने लगे परंतु आग की लपटें ज्यादा तेज होने की वजह से काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कतो का सामना करना पड़ा तब तक किसान का आशियाना जलकर खाक हो चुका था।

जनप्रतिनिधियों के कोरी घोषणाओं की खुली पोल

गर्मी का मौसम आ चुका है आए दिन अब आगजनी की घटनाएं सामने आती रहेंगी वही पूरे सिहावल विधानसभा क्षेत्र में एक भी फायर ब्रिगेड की सुविधा उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में किसानों को कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है यह सबके सामने है जबकि कई बार इस संबंध में किसानों एवं पीड़ितों के द्वारा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को फायर ब्रिगेड के संबंध में अवगत कराया जा चुका है एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि फायर ब्रिगेड के व्यवस्था की बात तो करते हैं परंतु वह धरापटल पर अभी तक नहीं उतर पाई है और सिर्फ कोरी घोषणाएं रह गई है।

सिहावल से जिला मुख्यालय की दूरी है 35 किलोमीटर

जहां पर आग लगी वहां से जिला मुख्यालय की दूरी 35 किलोमीटर है और इस गर्मी में अगर आगजनी की घटनाएं सामने आती हैं तो फायर ब्रिगेड के पहुंचने तक किसान पूरी तरह से बर्बाद हो चुका होता है ऐसे में सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि क्या अब भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि गहरी निद्रा से जागेंगे या फिर इसी तरह से किसानों को अपनी आंखों के सामने बर्बाद होते देखते रहेंगे।

समाचार

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