भीषण गर्मी में भी अब नहीं कटेगी 1 मिनट बिजली पीएम मोदी ने तैयार किया मास्टर प्लान!

गर्मी का मौसम भारत में स्टार्ट हो गया है इस बार मौसम विभाग ने बताया है कि तापमान हर गर्मी का रिकॉर्ड तोड़ सकता है आप सबको याद ही होगा कि पिछले साल भीषण गर्मी में बिजली कटी थी उसके कारण लोगों को गर्मी में खासी दिक्कतों का सामना

करना पड़ा लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मास्टर प्लान तैयार किया है यह मोदी के मास्टर प्लान के बारे में जानने के लिए खबर के अंदर तक बने रहें।

रेलवे की तरफ से थर्मल पावर प्रोजेक्‍ट को कोयला आपूर्त‍ि करने के ल‍िए रोजाना 600 मालगाड़ियों का इस्‍तेमाल करने का रोडमैप तैयार क‍िया गया है

इस बारे में रेलवे म‍िन‍िस्‍ट्री के सीन‍ियर अध‍िकारी का कहना है क‍ि उम्‍मीद है जून तक अधिकतम कोयले की मांग बढ़कर 7.5 करोड़ टन (MT) हो जाएगी हमने प्‍लान क‍िया है क‍ि कोयले की ढुलाई के लिए हर महीने जरूरत

के आधार पर 35-40 मालगाड़ियों को बढ़ाया जाएगा. उन्‍होंने बताया क‍ि रेलवे कोयले की ढुलाई के लिए जून तक करीब 4,000 वैगन या 80 मालगाड़ियों को जोड़ने की तैयारी चल रही है. रेलवे म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ

से कहा गया क‍ि कोयले की मांग बढ़ने पर जून और जुलाई में कोयला ढुलाई के लिए 60 मालगाड़ी और आवंटित करने की योजना बनाई है

रेलवे देश में सभी महत्‍वपूर्ण थर्मल पावर प्रोजेक्‍ट को कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए पावर म‍िन‍िस्‍ट्री और कोयला मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है

रेलवे मंत्रालय के सूत्रों का कहना है क‍ि हमने कॉर‍िडोर बेस्‍ड अप्रोच पर काम क‍िया है. रेलवे की एक अन्‍य अध‍िकारी की तरफ से बताया गया क‍ि फ‍िलहाल देश में कोयले के ट्रांसपोर्टेशन के ल‍िए 460 मालगाड़ियों का उपयोग क‍िया जाता है

गर्म‍ियों को ध्‍यान में रखकर रेलवे म‍िन‍िस्‍ट्री दो बार में 80 और 60 मालगाड़ियों को और जोड़ने की योजना पर काम कर रही है. इस तरह कोयला ढुलाई के ल‍िए मालगाड़‍ियों की संख्‍या बढ़कर 600 हो जाएगी. इन मालगाड़‍ियों से रोजाना कोयले की आपूर्त‍ि की जाएगी

एक मालगाड़ी में करीब 50 वैगन होते हैं. इसमें एक समय में 4,000 टन कोयला ले जा सकते हैं. वैगन की बढ़ती संख्या के साथ रेलवे ने कोयला ले जाने वाले रेक की संख्या में सुधार करने की योजना बनाई है

साल 2022 में देश की जनता को भारी ब‍िजली संकट से जूझना पड़ा था देश के कई राज्‍यों में घोषित-अघोषित रूप से सात से आठ घंटे की ब‍िजली कटौती की गई थी बिजली संकट गहराने का मुख्‍य कारण कोयले की समय पर आपूर्त‍ि नहीं होना।

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