सिहावल

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही पीसीसी रोड-नाली, बगैर मूल्यांकन निकल गई राशि, शासन के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां, जिम्मेदार बने गांधारी 

अमर द्विवेदी सिहावल। सीधी जिले का नाम तो सीधी है लेकिन यहां पर पूरा सिस्टम एवं पूरा काम उल्टा होता है हमेशा सुर्खियों में रहने वाला जनपद एक बार फिर से न्यूज़ चैनलों में सुर्खियां बटोर रहा है। ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत सिहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत गेरुआ के पीसीसी निर्माण कार्य को लेकर सामने आया है।

क्रेसर के गिट्टक के बदलें जंगल पहाड से डाला जा रहा है बोल्डर:- आपको बताते चलें कि ग्राम पंचायत एजेंसी के द्वारा ग्राम पंचायत गेरुआ में पीसीसी निर्माण कार्य को लेकर कार्य कराया जा रहा है। जहां पर जंगल पहाड़ से पत्थर एवं बोल्डर लाकर पीसीसी सड़क की नीव डाली जा रही है। लेकिन जंगल विभाग के कर्मचारी अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं लगातार जंगल पहाड़ से निकाले जा रहे बोल्डर उसी बोल्डर पत्थर से ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य को लेकर उपयोग कर गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसकी वजह से पीसीसी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।

बैगर मस्टर ज़ारी हुए एवं बिना मूल्यांकन किए निकाली गई राशि:- कार्य लगभग पूर्ण होने की कगार में है और आज दिनांक तक मास्टर नहीं जारी किया गया है। साथ ही बगैर मूल्यांकन किए ही पंचायत खाते से राशि निकाल ली गई है। अब जरा सोचे किस तरह से दबंग सरपंच सचिव के द्वारा बिना मूल्यांकन कराएं ही राशि निकालकर गवन कर ली जा रही है। यहां पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है। कि मास्टर भी नहीं जारी हुआ तो निर्माण कार्य कैसे, यदि निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ तो पूर्ण होने की कगार पर और मूल्यांकन नहीं हुआ कैसे हुआ भुगतान जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक मुख्यालय के अधिकारी कर्मचारियों के लिए यह सवाल चुनौती बनकर खड़ा हुआ है। क्या भ्रष्टाचारियों को इस तरह की खुली छूट या फिर राजनीतिक संरक्षण की वजह से खुलेआम नियम को ताख में रखकर कार्य करने की खुली छूट दी गई है।और राशि निकालकर गवन कर ली जा रही है। क्या ऐसे भ्रष्टाचारी कर्मचारियों पर प्रशासन की नजर पड़ेगी, या खुलेआम इसी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा पंचायत का विकास कार्य या होगी कार्यवाही देखना दिलचस्प होगा। मीडिया की जानकारी के बाद प्रारंभ हुआ मास्टर जारी करने की प्रक्रिया प्रात जानकारी सूत्र।

इनका कहना है:-

1. मेरे द्वारा कार्य रनिंग होने के कारण राशि का भुगतान कर दिया गया है। अभी तक मूल्यांकन नहीं हुआ है। यह नियम में है या नहीं यह मैं नहीं पढ़ा। 6 लाख की पीसीसी एवं 5 लाख के आस पास नाली की राशि स्वीकृत हुई थी। जिसमें से 6 लाख बगैर मूल्यांकन कराए ही राशि निकाली गई है।

ग्राम पंचायत गेरुआ सचिव रामकरण पटेल

2. मेरे द्वारा आज दिनांक तक कोई मास्टर नहीं जारी किया गया था कल दिनांक से मास्टर जारी करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। भुगतान कैसे हुआ इसके बारे में सचिव ही जानकारी दे पाएंगे।

रोजगार सहायक सुरेश केवट

3. पीसीसी नाली निर्माण कार्य को लेकर मेरे द्वारा ग्रामपंचायत गेरुआ में आज दिनांक तक कोई मूल्यांकन नहीं किया गया है। ना हीं कोई मस्टर प्राप्त हुआ है।

उपयंत्री अमरपाल अररिया

4. मुझे जानकारी हुई है कि बगैर मूल्यांकन के ग्राम पंचायत गेरुआ में पीसीसी एवं नाली निर्माण कार्य की राशि निकाली गई है। जिस पर मेरे द्वारा कार्यवाही करने की प्रक्रिया की जा रहीं हैं।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिहावल अनिल तिवारी

सिहावल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में लगातार भ्रष्टाचार से संबंधित आए दिन खबर देखने और पढ़ने को मिलती रहती है पर यह भ्रष्टाचार बगैर मास्टर जारी हुए बगैर मूल्यांकन इतनी बड़ी रकम निकाल ली गई है। अब देखना होगा कि क्या अधिकारी कर्मचारी इस पर किस तरह से अपना गुल खिलाते हैं। या होगी कार्यवाही।

निकाली गई राशि का विवरण:- दिनांक 27 अक्टूबर 2022 को 3 लाख 49 हज़ार 500 सौ रुपए एवं दूसरी राशि दिनांक 30 अक्टूबर 2022 को 2 लाख 59 हजार के आसपास राशि निकाली गई है।

समाचार

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