मध्य प्रदेश में आज डॉक्टरों का 2 घंटे का हड़ताल और बुधवार को अनिश्चितकालीन स्ट्राइक

0

मध्यप्रदेश में पहली बार स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी चिकित्सकों ने एक साथ आकर आंदोलन की चेतावनी दी है। डॉक्टर्स फेडरेशन ने मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक (दो घंटे) हड़ताल की घोषणा की है। वे बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने आपातकालीन सेवाओं से लेकर पोस्टमार्टम तक सब कुछ बंद करने की चेतावनी दी है।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद डॉक्टरों का आन्दोलन हुआ था ख़त्म

डॉक्टरों के संगठन की सबसे बड़ी मांगों में से एक समयबद्ध पदोन्नति के लिए डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसिव स्कीम (DACP) को लागू करना है। इसके अलावा पांच अन्य मांगें हैं। डॉक्टरों ने अपनी मांग के समर्थन में ‘दवा बचाओ, डॉक्टर बचाओ’ मार्च निकाला। 15, 16 व 17 फरवरी को महासंघ के बैनर तले चिकित्सकों ने धरना दिया। 17 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद उन्होंने आंदोलन खत्म कर दिया. मुख्यमंत्री ने मांगों पर विचार के लिए कमेटी गठित करने की बात कही, लेकिन बातचीत से कोई हल नहीं निकला।

डॉक्टरों की प्रमुख मांगें हैं ?

  • केंद्र, बिहार और अन्य राज्यों जैसे राज्य के डॉक्टरों के लिए डीएसीपी योजना का प्रावधान।
  • स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और बीमा अस्पतालों (ईएसआई) में वर्षों से चली आ रही विभागीय विसंगतियां दूर की जाएं।
  • चिकित्सा विभाग में तकनीकी मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों का दखल खत्म किया जाए।
  • मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कार्यरत संविदा चिकित्सकों (एमबीबीएस) को चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाये।
  • एमबीबीएस के बाद ग्रामीण सेवा बांड राशि में कमी और ट्यूशन फीस में कमी जो देश में सबसे ज्यादा है।
  • विभाग में कार्यरत सभी बंधुआ चिकित्सकों का वेतन समकक्ष संविदा चिकित्सकों के बराबर करना।

डॉक्टरों के आंदोलन बैठक के बाद भी कोई हल नहीं

डॉक्टरों की मांगों को लेकर गठित कमेटी के अध्यक्ष स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) हैं। सुलेमान की मौजूदगी में 12 घंटे की तीन दौर की बैठक हुई। इसमें मेडिकल फेडरेशन के पदाधिकारी भी शामिल थे। अधिकांश मांगों पर सहमति के बाद आदेश जारी होना था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो महासंघ ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। महासंघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने कहा कि एक बार समझौता हो गया था, लेकिन एसीएस ने इसमें कुछ बदलाव किए, जिसे संघ ने खारिज कर दिया। अब बिना आंदोलन के कोई रास्ता नहीं है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.